महाराष्ट्र में चढ़ा सियासी पारा: चुनाव से पहले मदरसा शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी पर संजय राउत का बीजेपी पर जोरदार निशाना, कहा चुनावी गणित को ध्यान में रखकर उठाए जा रहे कदम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। सभी दल एक दूसरे पर तंग कसने और पलटवार करने में जुटे हुए हैं। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और कांग्रेस ने महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे सरकार पर खूब आरोप लगाए हैं। राउत ने सवाल उठाते हुए पूछा की क्या मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन को बढ़ाया जाना वोट जिहाद नहीं है? राउत का यह भी कहना है कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए ‘मुख्यमंत्री लाडली बहिन योजना’ को एग्जीक्यूट (किसी कार्य या योजना को क्रिया में लाना) किया जा रहा है। साथ ही साथ मौलाना आजाद वित्तीय निगम की कार्यशील पूंजी को भी 700 करोड़ रुपये से हजार करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा रहा है।
राउत का कड़ा वार
संजय साउत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा- क्या यह लाडकी बहिन जैसी योजनाएं और मदरसा शिक्षकों के वेतन को बढ़या जाना वोट जिहाद नहीं है? बच्चों को पढ़ाने वालों का वेतन बढ़ना चाहिए, लेकिन अगर हमने ऐसा कुछ भी किया होता तो भारतीय जनता पार्टी इसे वोट जिहाद कहती। वहीं, कांग्रेस का नसीम खान ने आरोप लगाया कि सिर्फ चुनावी गणित को ध्यान में रख कर यह सब किया जा रहा है। खान ने सवाल खड़ा किया कि भाजपा उन नेताओं पर कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है जो मुसलमानों को धमकी देते रहते हैं? बीजेपी यह सब कदम सिर्फ और सिर्फ इसलिए उठा रही है ताकि वह लोकसभा चुनाव 2024 की तरह खराब प्रदर्शन ना कर सके।
बीजेपी का पलटवार
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा- सरकार ने उद्धव ठाकरे और संजय राउत का वेतन नहीं बढ़ाया है, जिनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद का सहारा लिया था। जब स्वास्थ्य और शिक्षा की बात आती है, तो भारतीय जनता पार्टी की महायुति सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है।"