मिशन मून: गहरे गड्ढे के पास जा पहुंचा था रोवर प्रज्ञान, इसरो ने नई तस्वीरों को जारी करते हुए दी अहम जानकारी

  • इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था।
  • दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला देश बना भारत
  • इसरो ने दी नई जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-28 13:16 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को सफलतम लैंडिंग कर भारत ने इतिहास रचने का काम किया। सॉफ्ट लैंडिंग के कुछ घंटो बाद विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान बाहर आया था। अब रोवर प्रज्ञान चांद के दक्षिणी ध्रुव में चहलकदमी कर रहा है। इसरो ने सोमवार (28 अगस्त) को रोवर की कुछ तस्वीरें जारी की हैं। साथ ही इसरो ने रोवर से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि रोवर एक बड़े गड्ढे में पहुंच गया था। हालांकि यह सुरक्षित लौट आया। बता दें भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा और दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला देश बन गया है। इसरो ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था।

इसरो ने एक्स (पहले ट्वीटर) पर तस्वीरों को शेयर करते हुए बताया कि "चंद्रयान-3 मिशन का रोवर प्रज्ञान 27 अगस्त को अपने स्थान से 3 मीटर आगे एक 4 मीटर व्यास वाले गड्ढे (क्रेटर) के पास पहुंचा। इसके बाद रोवर को वापस लौटने की कमांड दी गई. ये अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।"


बता दें इससे पहले इसरो ने चांद की सतह पर मापी गई तापमान की भिन्नयता का ग्राफ जारी कर जानकारी दी थी कि तापमान-10 सेल्सियस से 50 ड्रिग्री सेल्सियस से ज्यादा तक दिखाई दे रहा है। चांद की सतह के तापमान की जानकारी इसरो को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे चेस्ट पेलोड की मदद से मिली थी। इसरो ने जानकारी देते हुए बताया था कि पेलोड में लगे यंत्र तापमान जांचने का काम करते हैं जोकि सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम हैं

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