Yes Bank: कोर्ट ने फाउंडर राणा कपूर को 11 मार्च तक ED की कस्टडी में भेजा
Yes Bank: कोर्ट ने फाउंडर राणा कपूर को 11 मार्च तक ED की कस्टडी में भेजा
- करीब 20 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने रविवार तड़के राणा कपूर को किया गिरफ्तार
- प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं के तहत हुई गिरफ्तारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्पेशल हॉलिडे कोर्ट ने यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेज दिया है। ED ने घंटों पूछताछ के बाद रविवार तड़के राणा कपूर को गिरफ्तार किया। दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया। ED के अधिकारियों ने उनसे करीब 20 घंटे तक पूछताछ की जिसके बाद उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया। रविवार सुबह करीब 11 बजे राणा कपूर को कोर्ट में पेश किया गया।
Mumbai: Enforcement Directorate officials along with #YesBank founder Rana Kapoor leave from ED office; He will be produced before a Mumbai court later today pic.twitter.com/Re9VvaDtRe
— ANI (@ANI) March 8, 2020
बता दें कि, इससे पहले शनिवार को ED ने राणा कपूर के दिल्ली और मुंबई में स्थित कुछ स्थानों पर छापेमारी की थी। शनिवार दोपहर कपूर को बालार्ड एस्टेट स्थित ED के कार्यालय लाया गया। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया, इसका मतलब है अब वो देश छोड़ कर बाहर कहीं नहीं जा सकते। फाउंडर राणा कपूर पर आरोप है कि, DHFL कंपनी को लोन देने के बदले कपूर की पत्नी के एकाउंट में फायदा पहुंचाया गया। इस दौरान वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप है। यस बैंक ने 2017 में 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था।
Mumbai: Enforcement Directorate (ED) arrests #YesBank founder #RanaKapoor. Visuals from ED office where he was being questioned. pic.twitter.com/K7GSr7gCl1
— ANI (@ANI) March 7, 2020
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राणा कपूर की बेटियों के घर से भी खंगाले गए दस्तावेज
वर्ष 2003-2004 में यस बैंक के सह-संस्थापक रहे कपूर बाद में इसके एमडी और सीईओ बन गए, लेकिन उन्हें सितंबर 2018 में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। जांच के हिस्से के रूप में ईडी के अधिकारियों ने वर्ली स्थित कपूर के आवास समुद्र महल पर छापा मारा। साथ ही ईडी ने शनिवार को मुंबई और नई दिल्ली स्थित कपूर की तीन बेटियों के घरों की भी तलाशी ली थी। उनकी तीनों बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर घोटाले की कथित लाभार्थी हैं। ईडी के अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान बहुत सारे भ्रामक दस्तावेज पाए गए और एजेंसी ने डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों के साथ उनके संबंधों को लेकर जांच की।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज
गौरतलब है कि, ईडी ने राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। कपूर के खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया था, ताकि वह देश से बाहर न भाग सके। ईडी ने डीएचएफएल के खिलाफ अपनी जांच जारी रखने के क्रम में कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जिसमें कथित तौर पर पाया गया कि एक लाख फर्जी कर्जदारों का उपयोग करके 80 शेल कंपनियों को 12,500 करोड़ रुपये दिए गए। इन शेल कंपनियों के साथ लेन-देन की तारीख 2015 तक है।
यस बैंक का निदेशक मंडल 30 दिन के लिए भंग
यस बैंक पर करीब 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है। बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने कमान अपने हाथ में लेते हुए बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिन के लिए भंग कर दिया। बैंक की देखरेख के लिए SBI के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेनशियल ऑफिसर प्रशांत कुमार को यस बैंक का नया प्रशासक बनाया गया है। इसके अलावा खाताधारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी गई है। विशेष परिस्थिति जैसे- पढ़ाई, इलाज और शादी के लिए पांच लाख रुपए तक निकाले जा सकते हैं।
ईडी की कार्रवाई
ईडी को संदेह है कि कपूर और उसकी दो बेटियों ने कथित तौर पर डीएचएफएल से रिश्वत लिया है। कपूर की दोनों बेटियां डूइट अर्बन वेंचर्स की निदेशक हैं। यह 4,450 करोड़ रुपये की राशि उस 13,000 करोड़ रूपये का ही हिस्सा है, जो डीएचएफएल से लिया गया और इसके लिए जिन 79 डमी कंपनियों का इस्तेमाल हुआ, उनमें से डूइट अर्बन वेंचर भी एक है। ईडी के अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान बहुत सारे भ्रामक दस्तावेज पाए गए और एजेंसी ने डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों के साथ उनके संबंधों को लेकर जांच की।
ईडी ने डीएचएफएल के खिलाफ अपनी जांच जारी रखने के लिए कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जिसमें कथित तौर पर कहा गया है कि एक लाख फर्जी कर्जदारों का उपयोग करके 80 फर्जी कंपनियों को 12,500 करोड़ रुपये दिए गए। इन फर्जी कंपनियों के साथ लेन-देन की तारीख 2015 तक बताई गई है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि डीएचएफएल द्वारा डायवर्ट किए गए फंड्स यस बैंक से मिले हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात कपूर के आवास पर हुई तलाशी का मकसद यस बैंक द्वारा डीएचएफएल को ऋण देने में बरती गई अनियमितता का पता लगाना था।
ईडी ने कपिल और धीरज वधावन को डीएचएफएल की पांच फर्मों -फेथ रियलटर्स, मार्वल टाउनशिप, अबे रियल्टी, पोसीडॉन रियल्टी और रैंडम रियलटर्स- खरीदने का आरोप लगाया है, जिसके बाद उन्हें सनब्लिंक के साथ जोड़ दिया गया।डीएचएएफएल से लिए गए ऋण के गबन की लीपा-पोती करने के लिए इन पांच फर्मों के बकाया ऋण (जुलाई 2019 तक लगभग 2,186 करोड़ रुपये) को कथित तौर पर सनब्लिंक के बही-खाते में दिखा दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद आरबीआई ने 30 दिनों के लिए यस बैंक बोर्ड को निलंबित कर दिया है और एक प्रशासक नियुक्त किया है। खाताधारकों को एक महीने में मात्र 50,000 रुपये निकालने की अनुमति है। पूर्व एसबीआई सीएफओ प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया था, जिसकी देशभर में 1,000 से अधिक शाखाएं और 1,800 से अधिक एटीएम हैं।