कन्हैया कुमार और जिग्नेश की कांग्रेस में एंट्री से क्या फर्क पड़ेगा?
युवा नेता की एंट्री कन्हैया कुमार और जिग्नेश की कांग्रेस में एंट्री से क्या फर्क पड़ेगा?
- कन्हैया कुमार और जिग्नेश की कांग्रेस में एंट्री से क्या फर्क पड़ेगा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगत सिंह की जयंती के अवसर पर दो युवा नेता कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। ये दोनों युवा नेता दक्षिणपंथी राजनीति का विरोध करने की वजह से देश में सुर्खियों में आये थे। माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस ज्वाइन कराने में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई है। वह कुछ समय पहले जेडीयू के पूर्व नेता पवन वर्मा के आवास पर कन्हैया से मिले थे। ऐसे में ये साफ है कि मेवाणी और कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से वाले यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर चुनाव में कांग्रेस के कैंपेन को मजबूती मिलेगी।
इन युवाओं के शामिल होने से फायदा
बता दें कि कन्हैया और जिग्नेश युवा हैं और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। पीएम मोदी के खिलाफ कैंपेन में इन दोनों नेताओं के उतरने से कांग्रेस के लिए एक चुनावी माहौल तैयार होगा, जिसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है। माना जा रहा है कि ये युवा नेता यूपी चुनाव में अपना प्रभाव दिखा सकते हैं। युवाओं का चेहरा बन कांग्रेस को फायदा दिला सकते हैं।
जिग्नेश मेवाणी और कन्हैया कुमार हिंदुत्व की विचारधारा के खिलाफ बोल्ड तरीके से अपनी बात रखते हैं, ऐसे में ये दोनों कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। ऐसे में एंटी बीजेपी वोटरों के बीच कांग्रेस ये संदेश देने में भी कामयाब हो सकती है कि भाजपा की प्रमुख विरोधी पार्टी आज भी कांग्रेस ही है। हालांकि युवा वोटर्स बीजेपी से रोजगार के मुद्दे पर नाराज हो सकता है लेकिन राष्ट्रीय मुद्दे को लेकर बीजेपी के साथ खड़ा होना ही पसंद करता है, इसलिए यहां पर दोनों युवा नेता फेल होते दिखाई दे रहें हैं।