Uttarakhand: अब तक 36 शव बरामद, 170 लोग लापता,  NTPC की टनल में फंसे 39 वर्कर्स को बचाने की कोशिशें जारी

Uttarakhand: अब तक 36 शव बरामद, 170 लोग लापता,  NTPC की टनल में फंसे 39 वर्कर्स को बचाने की कोशिशें जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-11 19:42 GMT
Uttarakhand: अब तक 36 शव बरामद, 170 लोग लापता,  NTPC की टनल में फंसे 39 वर्कर्स को बचाने की कोशिशें जारी
हाईलाइट
  • 15 मानव अंगों के डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे
  • 80 मीटर के आसपास लोगों के मिलने की उम्मीद
  • करीब आधे घंटे तक रुका राहत बचाव कार्य फिर शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चमोली के तपोवन में हुए हादसे का आज पांचवां दिन है। NTPC की टनल में फंसे 39 वर्कर्स को बचाने की कोशिशें जारी हैं। वहीं चमोली जिला प्रशासन के अनुसार रात दस बजे तक क्षेत्र से 36 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 170 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं, 15 मानव अंग बरामद हुए थे जिनके डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे गए है। गुरुवार को सेना के चिनूक हेलिकॉटर से रेस्क्यू के लिए भारी मशीनरी और मैन पावर को चमोली पहुंचाया गया। NDRF और SDRF के लिए 14 पैसेंजर्स और 1400 किलो लोड, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के 5 अधिकारी और 3 टन सामान को यहां पहुंचाया गया है।

15 मानव अंगों के डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे
पुलिस, एसडीआरएफ व एसएसबी के जवान लगातार नदी किनारे अभियान में जुटे हैं। बृहस्पतिवार को तीन शव और मिले। दो शव अलकनंदा किनारे गलनाऊं के पास और एक शव जिलासू के पास मिला। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने कहा कि शव मिलने की सूचना पर प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। यह शव आपदा में लापता लोगों के होने की आशंका है। वहीं, चार शवों और सात मानव अंगों का अंतिम संस्कार किया गया। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि सात फरवरी को आई आपदा के बाद अलकनंदा नदी किनारे अलग-अलग स्थानों पर कुल पांच शव मिले थे, जिनमें से एक शव की शिनाख्त हो गई थी। बाकी चार शवों और सात मानव अंगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उनके डीएनए सैंपल लेकर सुरक्षित रखने के बाद पुलिस-प्रशासन और नगरपालिका ने कर्णप्रयाग घाट पर अलकनंदा नदी किनारे उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

इनकी हुई शिनाख्त
नाम                                                 पता
1- नरेंद्र लाल पुत्र एतवारी लाल              ग्राम तपोवन जोशीमठ चमोली, 
2- जीतेंद्र थापा पुत्र खेम बहादुर             लच्छीवाला देहरादून, 
3- दीपक कुमार पुत्र रमेश राम              ग्राम भतेड़ा, बागेश्वर 
4- बलवीर गड़िया पुत्र हयात सिंह           ग्राम गाड़ी, चमोली
5- मनोज चौधरी  पुत्र जसवंत चौधरी        ग्राम बेनोली, चमोली
6- राहुल कुमार पुत्र भगवती प्रसाद          ग्राम रावली महदूत, हरिद्वार
7- अवधेश पुत्र ललिता प्रसाद                 इच्छानगर मांझा, लखीमपुर उत्तर प्रदेश, 
8- अजय शर्मा  पुत्र बाबू लाल                 गणेशपुर, अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
9- सूरज पुत्र बेचू लाल                           बाबूपुर, लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश


80 मीटर के आसपास लोगों के मिलने की उम्मीद
डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने कहा कि सब यही कोशिश कर रहे हैं कि हम आगे से आगे पहुंच पाएं। पहले गति अच्छी थी, परन्तु अब तरल ज्यादा हो गया है, जितना हम साफ कर रहे हैं, अंदर से उतना ज्यादा तरल निकल रहा है। प्रयास जारी है, उम्मीद है कि 180 मीटर के आसपास वो लोग मिल जाएं।

करीब आधे घंटे तक रुका राहत बचाव कार्य फिर शुरू
वहीं आईटीबीपी ने कहा है कि सुरंग में बचाव अभियान अस्थाई रूप से नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। अब तक नदी के प्रवाह में कुछ भी खतरनाक नहीं दिख रहा है। ऋषिगंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि के बाद करीब आधे घंटे तक रुका राहत बचाव कार्य अब शुरू कर दिया। एनडीआरएफ कर्मियों का कहना है जल स्तर बढ़ रहा है, इसलिए टीमों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया। ऑपरेशन को सीमित टीमों के साथ फिर से शुरू किया गया है।

पहले मलबा हटाकर अंदर तक पहुंचने का प्लान था
इस टनल की लंबाई करीब ढाई किलोमीटर है। इसका ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है। आर्मी, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें बुधवार तक टनल में सीधे पहुंचने की कोशिश कर रही थीं। 120 मीटर अंदर तक मलबा साफ कर लिया गया। हालांकि, इसमें मुश्किलें नजर आईं तो ड्रिलिंग पर विचार किया गया।

ड्रोन और रिमोट सेंसर की मदद भी ली जा रही
रेस्क्यू टीम ने बुधवार को सुरंग में अंदर के हाल जानने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद भी ली थी। हालांकि, इसमें भी ज्यादा कामयाबी नहीं मिली।

आपदा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
चमोली में 7 फरवरी को आई आपदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह जलस्तर बढ़ने के बाद नदियों ने रास्ते में पड़ने वाली हर चीज को तबाह कर दिया। इस वीडियो में कुछ वर्कर्स यहां बने बांध पर पानी और मलबे से बचने की कोशिश करते दिखाई दे रहे थे, लेकिन वो बच नहीं पाए।

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