कोलकाता: गृहमंत्री अमित शाह बोले- बंगाल में तानाशाही को परास्त करने के खिलाफ जारी रहेगी हमारी लड़ाई
कोलकाता: गृहमंत्री अमित शाह बोले- बंगाल में तानाशाही को परास्त करने के खिलाफ जारी रहेगी हमारी लड़ाई
- गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता में किया रैली को संबोधित
- ममता सरकार पर साधा जमकर निशाना
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कोलकाता के शहीद मीनार ग्राउंड में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि बंगाल में जब हम प्रचार करने आए थे, हमें यात्रा नहीं निकालवे दी, कार्यकर्ताओं पर लाठियां भाजी, 40 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की जान चली गई। मगर ममता दी ये सब करके आप हमें रोक नहीं पाई।
उन्होंने कहा कि जितना जुर्म करना है कर दो बंगाल की जनता अब आपको जान चुकी है। भाजपा एक अभियान लेकर निकल रही है। #AarNoiAnnay(अब और अन्याय नहीं)। ये बंगाल के अंदर तानाशाही ताकतों को परास्त करने की लड़ाई है। लोगों को दबाने की विचारधारा,अत्याचार की,भ्रष्टाचार करने की, विचारधारा अपने राजकुमार को वारिस बनाने की ये विचारधारा अब बंगाल में नहीं चलेगी।
गृहमंत्री ने कहा, "जब हम बंगाल में चुनाव के मैदान में थे तो ममता दीदी कहती थीं जमानत बचा लेना। ममता जी ये आंकड़े देख लीजिए, अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बंगाल में बनने वाली है।"
उन्होंने कहा कि ये जो यात्रा चली है, ये रुकने वाली नहीं है। ये यात्रा जो 18 सीटों तक पहुंची है, विधानसभा में दो तिहाई बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाकर समाप्त होने वाली है। ये यात्रा भाजपा के विकास की नहीं है, बल्कि ये यात्रा बंगाल के विकास की यात्रा है। ये यात्रा बंगाल के गरीब के शोषण के खिलाफ संघर्ष की है ।ये यात्रा सिंडीकेट को समाप्त करने की यात्रा है। ये यात्रा टोलबाजी समाप्त करने की यात्रा है। ये यात्रा धुसपैठ समाप्त करने की है। ये यात्रा करोड़ों शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मान देने की है।
अमित शाह ने अपने संबोधन में नागरिकता संशोधन कानून का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएए लेकर आएं, लाखों बंगालियों को इससे नागरिकता मिलती है। ममता दीदी ने इसका विरोध किया। बंगाल में दंगे कराएं, ट्रेनें जला दी गई, रेलवे स्टेशन जला दिया गया। उन्होंने ममता से सवाल पूछा, "जब हम नागरिकता देना चाहते हैं और आप इसका विरोध क्यों कर रही हो। आपको घुसपैठिए ही अपने लगते हैं। मैं बताने आया हूं कि 70 साल से जो शरणार्थी यहां आए हैं हम उनको नागरिकता देकर रहेंगे।"