विवादों के बीच जिन्ना टॉवर पर चढ़ा तिरंगे का रंग, नाम बदलने की तैयारी

भारत में क्यों है जिन्ना टावर, दिलचस्प इतिहास विवादों के बीच जिन्ना टॉवर पर चढ़ा तिरंगे का रंग, नाम बदलने की तैयारी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-02 12:49 GMT
विवादों के बीच जिन्ना टॉवर पर चढ़ा तिरंगे का रंग, नाम बदलने की तैयारी
हाईलाइट
  • बीजेपी की नाम बदलने की तैयारी

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आज आपको एक बात अजीब लगेगी, क्योंकि बक ही कुछ गजब है। आज पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अल्ली जिन्ना के नाम का गगनचुंबी टॉवर आज भारत के तिरंगे  के रंग में रंग चुका है, आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में जिन्ना टावर को लेकर विवाद थमता दिखाई नहीं दे रहा है। भाजपा इस टावर का नाम बदलने की मांग करती रही है, वहीं अब इस टावर को तिरंगे में रंग दिया गया है और वहां पर तिरंगा फहराने की तैयारी है, हालांकि जिन्ना का यह टॉवर पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत के आंध्रप्रदेश में है। आंध्र प्रदेश के गुंटूर में महात्मा गांधी रोड पर स्थित जिन्ना स्तंभ को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रंगा गया है। आपको एक बात और बता दें कल गुरुवार को यहां झंडा फहराने की तैयारी जोरों पर  है,आपको बता दें कुछ दिन पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस टावर के नाम बदलने को लेकर विवाद खड़ा किया था। साथ ही उन्होंने इसका रंग बदलने की बात की थी।  

जिन्ना टावर की कहानी

इस टावर की पीछे एक कहानी ज्यादा प्रचलित है कि कि आजादी से पहले जिन्ना आंध्रप्रदेश के गुंटूर आए थे।  और वहां उन्होंने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। इसी की याद में यह टावर बनाया गया। इसके नाम बदलने और रंग बदलने को लेकर बीजेपी का विरोध लगातार जारी है। विरोध की इसी कड़ी में टावर का रंग बदल दिया है।  बीजेपी इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग कर रही है। बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं ने जिन्ना टावर का नाम बदलने को लेकर चेतावनी दी थी और कहा था कि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो पार्टी के कार्यकर्ता टावर को गिरा देंगे। भारतीय जनता पार्टी काफी समय से जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग कर रही है और जगन मोहन रेड्डी सरकार पर दबाव बनाती रही है।  

टावर के चारों ओर लोहे की बाड़ लगाने के बाद जीएमसी मेयर कवती मनोहर नायडू ने बताया कि जिन्ना टावर को राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगा गया है। उन्होंने कहा," गुंटूर शहर हिंदू-मुस्लिम एकता का एक स्थायी प्रतीक है और कोई भी ताकत शहर में इस धर्मनिरपेक्ष परंपरा को बाधित नहीं कर सकती है। जिन्ना टावर स्वतंत्रता आंदोलन के स्थायी प्रतीकों में से एक है और इसलिए हमने टावर को तिरंगे में रंगने का फैसला किया।"
एएनआई के मुताबिक, मोहम्मद मुस्तफा ने कहा, “भाजपा नेताओं को सांप्रदायिक विवाद को हवा देने के बजाय, कोविड-19 महामारी में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।” मुस्तफा ने टावर का नाम बदलने की मांग करने वाले भाजपा नेता की आलोचना की। मुस्तफा ने ये सब बातें उस दौरान कही जब वो  जीएमसी के मेयर कवती मनोहर नायडू के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने जिन्ना टावर पहुंचे थे। गुंटूर पूर्व के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने मंगलवार को कहा कि टावर के पास राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए एक पोल भी बनाया जा रहा है, जिसके लिए व्यवस्था शुरू कर दी गई है। विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि टावर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की भी व्यवस्था की जा रही है। उनका कहना है कि मुस्लिम  नेताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आजादी मिलने के बाद, कुछ मुसलमान देश छोड़कर पाकिस्तान में बस गए। लेकिन, हम अपने देश में भारतीयों के रूप में बने रहना चाहते थे और हम अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं।

 जिन्ना टावर के नाम और रंग पर जारी विवाद के बीच, टावर पर तिरंगें का रंग चढ़ा दिया गया है। आपको  बता दें कुछ दिन पहले गणतंत्र दिवस  26 जनवरी पर लोगों का एक समूह  तिरंगा फहराने के लिए जिन्ना टावर में घुस गया था, जिन्हें बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया और ये मामला बाद में और तूल पकड़ता गया। अब यह मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा। 

 

 


 

 

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