कोयले की किल्लत से देश में मचा हड़कंप, जानें इन राज्यों के हालात

कोयला संकट कोयले की किल्लत से देश में मचा हड़कंप, जानें इन राज्यों के हालात

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-12 18:10 GMT
कोयले की किल्लत से देश में मचा हड़कंप, जानें इन राज्यों के हालात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोयले की कमी को लेकर लगातार समस्या बनी हुई है। एक तरफ केंद्र सरकार दावा कर रही है कि कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी तो दूसरी तरफ राज्य में बिद्युत कटौती को लेकर ये मैसेज आ रहा है कि कोयले की कमी से कई प्लांट्स बंद हो गए हैं। खबर आ रही है कि यूपी में कोयले की कमी के चलते 8 पावर प्लांट बंद कर दिये गए हैं। बिजली बनाने वाली कंपनियों के पास 17 दिनों का कोयला भंडार हुआ करता था, जो घटकर 4 दिनों का रह गया है। आपको बता दें कि यूपी की तरह बिजली सप्लाई पर कोयले का संकट साफ-साफ दिखाई दे रहा है लेकिन इस बात को मानने को कोई तैयार नहीं है। बेगूसराय में मौजूद बरौनी थर्मल पावर प्लांट जहां बिजली के प्रोडक्शन की कमी के चलते 12 से 14 घंटे की सप्लाई हो रही है, लेकिन ज्यादा दिक्कत का दावा पंजाब और महाराष्ट्र कर रहे हैं। क्योंकि इन राज्यों की करीब 20 पावर बंद हो चुकी हैं। इधर त्योहारों का सीजन सामने है। पहले दशहरा और फिर दिवाली की धूम आने वाली है, उधर यूपी में विधानसभा इलेक्शन आने वाला है। जिसको लेकर यूपी सरकार गंभीर है क्योंकि विपक्ष को चुनाव में मुद्दा बनाने के लिए कोई अवसर नहीं देना चाहती है। उधर केंद्र सरकार लगातार आश्वासन दे रही है कि कोयले की किल्लत नहीं होने पाएगी। 

इन राज्यों में कोयला संकट

आपको बता दें कि इन राज्यों में लोड शेडिंग की समस्या सिर पर मंडरा रही है। इसमें हरियाणा और महाराष्ट्र के 3 प्लांट ऐसे हैं, जहां स्टॉक में एक भी दिन का कोयला नहीं है। इसी तरह उत्तर प्रदेश,छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार में एक-एक प्लांट ऐसे हैं जहां एक दिन का स्टॉक बचा हुआ है। वहीं, पश्चिम बंगाल के 2 प्लांट में ऐसी स्थिति है।

कुछ दिन के लिए बचा कोयला

72 पावर प्लांट्स के पास सिर्फ़ 3 दिन का कोयला बचा है
50 पावर प्लांट्स के पास 4 से 10 दिन का स्टॉक बचा है
30 प्लांट के पास केवल 1 दिन का कोयला बचा है
18 प्लांट के पास केवल 2 दिन का कोयला बचा है
16 प्लांट के पास एक भी दिन का कोयला स्टॉक में नहीं है

जबकि नियम के मुताबिक सभी पावर प्लांट्स को कम से कम 20 दिनों का कोयला भंडार रखना होता है, आपको बता दें कि देश की 70 फीसदी बिजली, कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स से ही बनती है। अब केंद्र सरकार नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। 

नजरअंदाज करना पडे़गा भारी

बता दें  कि इतने बड़े संकट के बीच अब सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार कोयला संकट की हकीकत को नजरअंदाज कर रही है? क्योंकि अब तक के हालात से जाहिर हो रहा है कि संकट की अनदेखी भारी भी पड़ सकती है। वहीं, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी का कहना है कि हमने अपनी आपूर्ति जारी रखी है, यहां तक कि बकाया के बावजूद भी हम आपूर्ति जारी रखे हुए हैं। हम उनसे राज्यों से स्टॉक बढ़ाने का भी अनुरोध कर रहे हैं, कोयले की कमी नहीं होगी।

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