पर्यटन स्थलों पर रोजगार सृजन के लिए हो प्रशिक्षण कार्यक्रम, संसद में एक सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री ने दिया जवाब
लोकसभा पर्यटन स्थलों पर रोजगार सृजन के लिए हो प्रशिक्षण कार्यक्रम, संसद में एक सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री ने दिया जवाब
- कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल से पर्यटन रूका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर के पर्यटन स्थलों पर रोजगार सृजन के लिए गंतव्य आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम साल 2020-21 के बाद 2021-22 में भी जारी रहेगा। पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में सोमवार को एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इसकी शुरूआत केवल 7 जगहों पर साल 2019 में की गई थी जिसकी सफलता के बाद इसे देशभर में लागू कर दिया गया है। पर्यटन स्थलों पर रोजगार सृजन के मद्देनजर संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए। पर्यटन मंत्रालय ने 7 प्रतिष्ठित स्थलों पर गंतव्य आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।
इन पर्यटन स्थलों और स्थलों के पास रहने वाले स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित, अपग्रेड और संवेदनशील बनाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में आगरा में ताजमहल, हुमायूं मकबरा, लाल किला, दिल्ली में कुतुब मीनार, बिहार में महाबोधि मंदिर, गोवा में कोलवा बीच और असम में काजीरंगा में शुरूआत की गई।
इसके बाद यह कार्यक्रम वित्तीय वर्ष 2020-21 में जारी रहा और 150 से अधिक नए गंतव्यों तक पहुंचा। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण यह कार्यक्रम 44 गंतव्यों पर हुआ। यह कार्यक्रम चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जारी है। अब तक यह कार्यक्रम 24 गंतव्यों पर हो चुका है।
गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि पर्यटकों को अनिवार्य रूप से विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित और पेशेवर पर्यटक सुविधा प्रदाताओं का एक पूल बनाया जा सके, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गंतव्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार किया जा सके।
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने पहले ही कोविड-19 सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल को अधिसूचित कर दिया है। मंत्रालय ने आतिथ्य उद्योग (साथी) में आकलन, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए एक प्रणाली स्थापित की है ताकि कोविड-19 के संदर्भ में सुरक्षा और स्वच्छता दिशा निदेर्शों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और कर्मचारियों व ग्राहकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।
(आईएएनएस)