Covid-19: कोरोना से संक्रमित मरीज का SVP में प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन, ऐसा करने वाला देश का पहला अस्पताल
Covid-19: कोरोना से संक्रमित मरीज का SVP में प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन, ऐसा करने वाला देश का पहला अस्पताल
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (SVP) प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन करने वाला देश का पहला अस्पताल बन गया है। सोमवार देर रात अस्पताल ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) पर हस्ताक्षर किए और देर रात कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज का पहला ट्रांसफ्यूजन किया गया। SVP एक सरकारी अस्पताल है जिसे सिटी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन संचालित करता है। यह अस्पताल कोविड-19 रोगियों के लिए एक प्रमुख उपचार केंद्र बन गया है।
प्लाजमा ट्रांसफ्यूजन के बाद कोरोना संक्रमित मरीज की हालत स्थिर
अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमीश्नर विजय नेहरा ने कहा कि संस्थान ने रिसर्च के लिए संभावित डोनरों की पहचान कर ली है और उनके प्लाज्मा को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सोमवार रात को पहला प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। जिस मरीज का प्लाजमा ट्रांसफ्यूजन किया गया है उसकी स्थिति अब स्थिर है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोविड-19 के उपचार के लिए और भी ट्रांसफ्यूजन किए जाएंगे। विजय नेहरा ने कहा कि प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन एक विस्तृत शोध कार्यक्रम है और SVP इस कार्यक्रम का पहला अध्ययन केंद्र है।
क्या होता है प्लाजमा ट्रांसफ्यूजन?
प्लाजमा थेरेपी में एंटीबॉडीज के जरिए मरीज का इलाज किया जाता है। कान्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर काम करता है कि जो मरीज किसी संक्रमण से उबर कर ठीक हो जाते हैं, उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं। इसके बाद उस वायरस से पीड़ित नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज के एंटीबॉडीज डालकर नए मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को खत्म किया जाता है। कोरोनावायरस के इलाज के लिए भी इसी थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कोरोनावायरस संक्रमण से ठीक हो चुके मरीज के शरीर से 14 दिन बाद ही एंडीबॉडीज लिए जा सकते हैं। एंटीबॉडीज लेने से पहले उसका दो बार कोरोना टेस्ट किया जाता है। इतना ही नहीं ठीक हो चुके मरीज का एलिजा टेस्ट भी किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि उसके शरीर में एंटीबॉडीज की मात्रा कितनी है। इसके अलावा प्लाज्मा देने वाले व्यक्ति की पूरी जांच की जाती है कि कहीं उसे कोई और बीमारी तो नहीं है। एक व्यक्ति के प्लाज्मा से चार मरीजों को ठीक करने में इसका इस्तेमाल हो सकता है।
गुजरात में 2000 के पार पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या
बता दें कि गुजरात में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 2000 के पार पहुंच गई है। पिछले 15 घंटों में गुजरात में कोरोना के 127 मामले दर्ज किए गए हैं। सूरत से सबसे ज्यादा 67 मामले और अहमदाबाद से 50 मामले सामने आए हैं। जबकि देश मे कोरोना पीड़ितों की संख्या 18,601 पहुंच गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह जारी आंकड़े के मुताबिक इनमें से 14,759 अभी भी कोविड-19 वायरस से पीड़ित हैं। 3251 को अस्पताल से ईलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है,जबकि मरने वालों की संख्या 590 पहुंच गई है।