जम्मू-कश्मीर: 4जी इंटरनेट सेवा बहाली पर SC ने सुरक्षित रखा अपना आदेश
जम्मू-कश्मीर: 4जी इंटरनेट सेवा बहाली पर SC ने सुरक्षित रखा अपना आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की मांग करने वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई। जिसपर सुप्रीमकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने कहा कि वे मामले के सभी पहलुओं पर विचार करेगा। इंटरनेट स्पीड बढ़ाने वाली इस याचिका पर केंद्र ने कहा कि इससे आंतकी गतिविधियां बढ़ेंगी। केंद्र सरकार ने हंदवाड़ा आतंकी हमले का भी जिक्र किया।
देश की सुरक्षा सबसे पहले:
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि देश की सुरक्षा सबसे पहले है। जिसमें कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने सुप्रीमकोर्ट के समक्ष कहा, 4जी इंटरनेट शुरू नहीं किया जा सकता। हर दिन आतंकवादी भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। वहीं आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाना देने वाले भड़काऊ सामग्री, फर्जी खबर, फोटो और वीडियो क्लिप के प्रसारण से जनता को उकसाने के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग होने की आशंका है।
4जी इंटरनेट से खतरा है तो 2जी से भी:
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि छात्र वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाई नहीं कर पहा रहे हैं। आरोग्य सेतू एप भी 2जी स्पीड से डाउनलोड नहीं हो सकता। मरीज वीडियो कॉलिंग के जरिए डॉक्टर से परामर्श नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर 4जी इंटरनेट से खतरा है तो 2जी से भी हो सकता है। बता दें कि पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय ने कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की याचिका याचिका पर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को 27 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था।
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अगस्त 2019 से बंद से इंटरनेट:
पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिंसक घटनाओं को रोकने लिए जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट और फोन सेवा पर पाबंदी लगा दी थी। तब से जम्मू-कश्मीर की जनता 4जी सेवा का लाभ नहीं उठा पा रही है। हालांकि इस जम्मू-कश्मीर में 2जी सेवा को बहाल कर दिया गया है।