असम NRC मामले में SC का आदेश, 25 सितंबर से शुरू होगी दावे और आपत्तियों के निपटारे की प्रक्रिया

असम NRC मामले में SC का आदेश, 25 सितंबर से शुरू होगी दावे और आपत्तियों के निपटारे की प्रक्रिया

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-19 04:47 GMT
असम NRC मामले में SC का आदेश, 25 सितंबर से शुरू होगी दावे और आपत्तियों के निपटारे की प्रक्रिया
हाईलाइट
  • असम देश का इकलौता राज्य है
  • जहां NRC बनाया जा रहा है।
  • असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) मामले में SC आज करेगा सुनवाई।
  • जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी सुनवाई।
  • जुलाई में जारी NRC की सूची में सैकड़ों हिन्दी भाषियों के नाम भी शामिल नहीं थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) मामले में बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने NRC के ड्राफ्ट रजिस्टर में जगह न पाने वाले लोगों के दावे और आपत्तियों के निपटारे की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू करने का आदेश दिया है। SC ने साफ किया है कि यह प्रक्रिया 60 दिन तक चलेगी और पहचान के लिए कुल 10 तरह के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

 


15 में से 10 दस्तावेज दिखा सकते हैं नागरिक

SC के आदेश के अनुसार NRC की दूसरी सूची से बाहर होने वाले नागरिक 25 सितंबर से 60 दिनों तक यानी 25 नवंबर तक अपनी नागरिकता साबित कर सकेंगे। कोर्ट ने नागरिकों को राहत देते कहा है वह 15 दस्‍तावेजों में से 10 दस्‍तावेजों को दिखा सकते हैं। दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला की तरफ से दाखिल किए गए सुझाव और रिपोर्ट को केंद्र सरकार को देने से इनकार कर दिया था।
 

टाल दी गई थी NRC में नाम शामिल करने के दावे पेश करने की तारीख 

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, सरकार ने जो 15 अतिरिक्त दस्तावेज की लिस्ट दी है, उसमें से 10 दस्तावेजों के वेरीफिकेशन की इजाजत दी जा सकती है। क्योंकि, इन दस्तावेज का फर्जीवाड़ा करने की गुंजाइश कम है। SC ने फाइनल NRC में नाम शामिल करने के दावे पेश करने की तारीख को टाल दिया था। 


SC ने केंद्र सरकार से दो हफ्ते में मांगा था जवाब

स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने SC में रिपोर्ट दायर कर दावे पेश करने के साथ ही 15 अतिरिक्त दस्तावेज में से सिर्फ 10 को स्वीकार किए जाने का सुझाव दिया था। इस पर केंद्र सरकार और अन्य पक्षकारों से दो हफ्ते में जवाब मांगा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, इस मामले में केंद्र सरकार दो हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करे। केंद्र के जवाब के बाद ही कोर्ट अपना आदेश जारी करेगा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियों को दर्ज करने की तारीख को आगे बढ़ा दिया था। अब बुधवार को कोर्ट तय करेगा कि आपत्तियों को कब से दर्ज कराया जाए। वहीं, AG केके वेणुगोपाल ने रिपोर्ट भी मांगी थी।


SC ने अतिरिक्त दस्तावेज देने की छूट पर उठाए थे सवाल

इससे पहले SC ने कहा था, NRC ड्राफ्ट में शामिल लोगों की पुर्नजांच के लिए 10 फीसदी लोगों का सैम्पल सर्वे होना चाहिए। कोर्ट ने सर्वे शुरू करने और खत्म होने की समय सीमा पर राज्य संयोजक से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने फाइनल NRC में शामिल होने के लिए दिए जाने वाले दावे और आपत्तियों में लीगेसी (पैत्रिकता) बदलने और अतिरिक्त दस्तावेज देने की छूट पर भी सवाल उठाया था, साथ ही रिपोर्ट भी मांगी थी। 


 

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