झारखंड चुनाव: पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, SC ने लगाई रोक
झारखंड चुनाव: पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, SC ने लगाई रोक
डिजिटल डेस्क, रांची। चुनावी खर्च के बारे में सही जानकारी नहीं देने पर अयोग्य ठहराए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने पर आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी अयोग्यता अभी बरकरार है। वे अब चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस मामले में उन्हें किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी। उनकी सजा अभी चल रही है। लिहाजा, वे चुनाव नहीं लड़ सकते और इस तरह मधु कोड़ा के विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा पर पानी फिर गया। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2009 में चुनावी खर्च के बारे में सही जानकारी नहीं देने पर उन्हें अयोग्य ठहराया था।
गौरतलब है कि झारखंड के एकमात्र निर्दलीय मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा ने कांग्रेस में शामिल में होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो वह जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत देने से साफ इनकार कर दिया है। इसके पहले झारखंड हाइकोर्ट ने हिस्ट्रीशीटर से नेता बने झारखंड के पूर्व मंत्री गोपाल दास पातर उर्फ राजा पीटर और पूर्व नक्सली कुंदन पाहन को एनआइए की विशेष अदालत ने जेल से चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम मधु कोड़ा की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और अपना जवाब देने के लिए कहा है।इसके साथ ही अगले आदेश तक मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने पर रोक लगी रहेगी। निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2017 में कोड़ा को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया था। कोड़ा की अयोग्यता का एक साल और बाकी है।
क्या है पूरा मामला
झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री के तौर पर मधु कोड़ा ने साल 2006 में कुर्सी संभाली थी। उस समय वह निर्दलीय विधायक थे। 14 सितंबर 2006 से 27 अगस्त 2008 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। एक बार फिर साल 2009 के आम चुनाव में मधु कोड़ा ने झारखंड की पश्चिम सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता। लेकिन इस बार उनके लिए मुश्किलें खड़ी गई। दरअसल निर्वाचन आयोग को शिकायतें मिली थीं कि कोड़ा ने चुनाव खर्च की सही जानकारी नहीं दी है। आयोग ने मधु कोड़ा को नोटिस जारी कर पूछा था कि सही जानकारी नहीं देने पर क्यों न आपको अयोग्य घोषित कर दिया जाए। आयोग के मुताबिक कोड़ा का खर्च 18 लाख 92 हजार 353 रुपए था, जबकि इन्होंने इसे काफी कम करके बताया था। अपने 49 पेज के ऑर्डर में चुनाव आयाेग ने कहा था कि कोड़ा द्वारा जमा करवाई गई जानकारी गलत है।