नारी सशक्तीकरण की सफलता विकसित देश को प्रतिष्ठा दिला सकता है : राज्यपाल

नारी सशक्तीकरण की सफलता विकसित देश को प्रतिष्ठा दिला सकता है : राज्यपाल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-11 18:30 GMT
नारी सशक्तीकरण की सफलता विकसित देश को प्रतिष्ठा दिला सकता है : राज्यपाल

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने बुधवार को कहा कि नारी सशक्तीकरण के प्रयासों की सफलता ही विकसित देश और समुन्नत समाज को प्रतिष्ठा दिला सकता है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 14 वें दीक्षांत समारोह में अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि दीक्षांत वास्तव में पढ़ाई का अंत नहीं है बल्कि यह जीवन की लम्बी यात्रा का एक पड़ाव है।इस समारोह में कुल 27 स्वर्ण पदक विजेताओं में छात्राओं की संख्या 19 है।

उन्होंने कहा, सर्वोच्च स्तर का प्रदर्शन करने में बेटियों के बढ़ते वर्चस्व को मैं अच्छे सामाजिक बदलाव के साथ ही नारी सशक्तीकरण के प्रयासों की सफलता के रूप में भी देखता हूं। यह बदलाव ही हमारे देश और समाज को सही अर्थो में विकसित देश और समुन्नत समाज के रूप में प्रतिष्ठा दिला सकता है।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चौहान ने बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासतों का उल्लेख करते हुए कहा कि नालन्दा एवं विक्रमशिला के प्राचीन विश्वविद्यालय इसी बिहार राज्य में पल्लवित एवं पुष्पित हुए। प्राचीन धर्म, दर्शन एवं साहित्य के क्षेत्र में भी इस राज्य ने विश्व को भरपूर प्रभावित किया।

राज्यपाल ने डिग्री एवं पदक प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा, अपना लक्ष्य सदैव महान रखिए, अपनी ऊर्जा पर विश्वास रखिए और हार मत मानिए। सफलता आपको अवश्य मिलेगी। संघर्ष ही सफलता की कुंजी है।

राज्यपाल ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में आज एक सौ से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नन्दन प्रसाद वर्मा ने कहा कि शहर से लेकर गांवों तक शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार की कतिपय महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित हो रही हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो़ आऱ क़े भटनागर ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण की कुंजी राष्ट्र के युवा हैं जो राष्ट्र एवं समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी शोध एवं अनुसंधान की सदी है। ऐसे में शिक्षा को शोधपरक बनाया जाना जरूरी है। कार्यक्रम में नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ गुलाब चन्द राम जायसवाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी।

इधर, एमजेएमसी में स्वर्ण पदक प्राप्त संतोष सिंह ने कहा कि पत्रकारिता में 21 साल रहने के बाद डिग्री मिलने पर नई उर्जा मिलती है।

 

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