दिल्ली की जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को रोकना, महिलाओं की आजादी पर हमला,महिला आयोग ने मस्जिद के शाही इमाम को थमाया नोटिस

आजादी के आठ दशक दिल्ली की जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को रोकना, महिलाओं की आजादी पर हमला,महिला आयोग ने मस्जिद के शाही इमाम को थमाया नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-24 11:55 GMT
हाईलाइट
  • महिला पुरूष भेद क्यों?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रतिबंध को लेकर चस्पा नोटिस के बाद बवाल खड़ा हो गया है। नोटिस में जामा मस्जिद में लड़की और लड़कियों के समूह में आने पर प्रतिबंध लगाया है।  जिस पर महिला आयोग ने आपत्ति दर्ज करते हुए जामा मस्जिद प्रबंधक को नोटिस थमाया है। और कहा कि मस्जिद के इमाम के इस तालिबानी फैसले को भारत में किसी भी तरह से  सही नहीं ठहराया जा सकता । विवाद को देखते हुए बाद में मस्जिद जनसंपर्क अधिकारी ने मीडिया को सफाई दी।

आजादी के आठ दशक बाद भी लोकतांत्रिक देश में महिलाओं को धार्मिक स्थलों में प्रवेश से रोकना आजादी पर सवाल खड़ा कर देती है। क्या पुरूष प्रधान दुनिया में लिंग के आधार पर महिलाओं को वर्जित करना आधुनिकता में स्वतंत्र अधिकारों के चश्मे को धुंधला कर रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं को मस्जिद से आने से रोकना पुरूष की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। ये सब उस दिल्ली में हो रहा है , जहां पूरे देश को चलाने के लिए नियम, नीतियां और कानूनों को बनाया जाता है। 

महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश पर प्रतिबंध की घटना को लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि गैर संवैधानिक हरकत है। इन्हें क्या लगता है ये भारत नहीं ईरान है कि इनका जब मन करेगा महिलओं से ये भेदभाव करेंगे और इन्हें कोई कुछ नहीं कहेगा। जितना हक एक पुरुष का इबादत करने का है उतना ही एक महिला का भी है 

दिल्ली  महिला आयोग की अध्यक्ष ने  जामा मस्जिद के शाही इमाम को हाल ही में जामा मस्जिद में महिलाओं के अकेले या समूह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी करते हुए कहा कि ये गैर संवैधानिक हरकत तुरंत खत्म होना चाहिए।

 जामा मस्जिद के PRO सबीउल्लाह खान ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि  मस्जिद में अकेली लड़की और लड़कियों के समूह के प्रवेश पर रोक लगाई गई हुई है,यह एक धार्मिक स्थल है, इसे देखते हुए निर्णय लिया गया है। इबादत करने वालों के लिए कोई रोक नहीं है

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