विदेश मंत्रालय का बयान: हमें उम्मीद है , चीन एलएसी का पूरी तरह से सम्मान करेगा और सैनिकों को पीछे हटाएगा
विदेश मंत्रालय का बयान: हमें उम्मीद है , चीन एलएसी का पूरी तरह से सम्मान करेगा और सैनिकों को पीछे हटाएगा
- कुलभूषण जाधव मामले पर पाकिस्तान का रवैया
- यूएई-बहरीन-यूएई के बीच शांति समझौता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ चल रहे विवाद, कुलभूषण जाधव और इजराइल-यूएई-बहरीन में हुए शांति समझौते पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चीन LAC का पूरी तरह से सम्मान करेगा और एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोई और कोशिश नहीं करेगा। दोनों पक्षों को तनाव बढ़ा सकने वाली गतिविधियों से दूर रहते हुए टकराव वाले इलाकों में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई मंत्री स्तरीय वार्ता में यह सहमति बनी कि सैनिकों को शीघ्र और पूर्ण रूप से हटाया जाना चाहिए। टकराव वाले सभी इलाकों से यथाशीघ्र सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये चीन को भारत के साथ गंभीरता से काम करना चाहिए।
कुलभूषण जाधव मामले पर पाकिस्तान का रवैया
श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को लागू करने के अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर पाया है। उन्होंने अभी तक प्रासंगिक दस्तावेजों का प्रावधान और कुलभूषण को अप्रभावित कांसुलर एक्सेस प्रदान करना ऐसे मूल मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाया है।
यूएई-बहरीन-यूएई के बीच शांति समझौता
श्रीवास्तव ने कहा हमने इजराइल, यूएई, बहरीन और अमेरिका के बीच हुए अब्राहम अकॉर्ड का अनुसरण किया है। भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन किया है। हम इजराइल-बहरीन और यूएई के बीच संबंधों के सामान्यीकरण के लिए इन समझौतों का स्वागत करते हैं।