CAB पर भाजपा के साथ शिवसेना, राउत बोले- संसद में बिल आएगा तो देखेंगे
CAB पर भाजपा के साथ शिवसेना, राउत बोले- संसद में बिल आएगा तो देखेंगे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मोदी कैबिनेट ने आज (बुधवार) नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पर मुहर लगा दी है। जहां एक तरफ कांग्रेस समेत कई राजनीतिक विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शिवसेना ने इसका समर्थन किया है। पार्टी के दिग्गज नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि "शिवसेना का रुख हमेशा घुसपैठियों के खिलाफ ही रहा है।" उन्होंने बताया कि "शिवसेना ने मुंबई में बांग्लादेशियों से सामना किया है और हम हमेशा देश की सुरक्षा के लिए किसी भी सरकार के साथ हैं।"
संजय राउत ने कहा कि "नागरिकता संशोधन बिल पर हर प्रदेश की अलग-अलग राय है, दूसरों की राय भी लेनी चाहिए। असम में भी भाजपा के मुख्यमंत्री भी इसका विरोध कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि "मैं किसी भी धर्म के लिए चिंतित नहीं हूं और हम देखेंगे कि सदन में यह बिल कब आएगा।"
क्या है नागरिकता संशोधन बिल में?
दरअसल केंद्र सरकार 1955 में आए नागरिकता कानून बिल में संशोधन करना चाहती है। इस कानून के अनुसार पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देश से आए रिफ्यूजी को 12 साल देश में गुजारने के बाद नागरिकता मिलती है। हालांकि केंद्र सरकार इसको संशोधित कर इसके टाइम लिमिट को घटाना चाहती है। संशोधन के बाद 12 साल के बजाए 6 साल भारत में गुजारने पर नागरिकता मिल सकेगी। नॉर्थ-ईस्ट के लोग इसके खिलाफ हैं और इस बिल का विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस बिल का सबसे ज्यादा असर असम और मणिपुर समेत सभी पूर्वोत्तर राज्य पर पड़ेगा। लोगों का कहना है कि बांग्लादेशी लोगों के आने से असम और कई राज्यों की संस्कृति पर असर पड़ेगा।
विपक्षी पार्टियां इस पर केंद्र सरकार का विरोध कर रही हैं। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार बिल के जरिए देश को धर्म के आधार पर बांट रही है, क्योंकि इसमें मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल नहीं किया गया है।