आजादी के बाद 8वीं बार लोकसभा में नहीं होगा विपक्ष का नेता, दूसरी बार कांग्रेस असफल
आजादी के बाद 8वीं बार लोकसभा में नहीं होगा विपक्ष का नेता, दूसरी बार कांग्रेस असफल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। बीजेपी ने अपने दम पर 303 तो वहीं एनडीए ने 352 सीटें हासिल की हैं। कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है, लेकिन उसे भी 52 सीटों पर ही जीत हासिल हुई है तो वहीं यूपीए को 86 सीटों पर सफलता मिली है। यूपीए के अलावा बाकी पार्टियों को मिलाकर 108 सीटें मिली हैं।
ऐसे में ये चर्चा जोरों पर है कि 2014 की तरह ही इस बार भी सदन में विपक्ष के पास कोई नेता नहीं होगा। भारत की आजादी के बाद 8वीं बार ऐसा होने जा रहा है कि सदन के अंदर किसी पार्टी के पास इतनी भी सीटें नहीं है कि विपक्ष के नेता का पद हासिल कर सके। ऐसा ही 2014 में भी हुआ था, जब कोई भी विपक्षी पार्टी के पास इतने सांसद नहीं थे कि विपक्ष के नेता का पद मिल सके। दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास कम से कम 55 सांसद होना चाहिए।
पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में जब बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, उस समय कांग्रेस पार्टी को 44 सीटें मिली थीं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस समय लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष के नेता का पद देने की गुजारिश की थी। इसके जवाब में महाजन ने कहा था कि पिछली परंपराओं पर विचार करने के बाद आपके अनुरोध को स्वीकार करना संभव नहीं है। अपने निर्णय को सही बताते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा था कि उनका फैसला परंपराओं और नियमों पर आधारित है।
कब-कब खाली रहा विपक्ष के नेता का पद
1. 26 जनवरी 1952 से 4 अप्रैल 1957
2. 4 अप्रैल 1957 से 4 मार्च 1962
3. 4 अप्रैल 1962 से 4 मार्च 1967
4. 4 मार्च 1967 से 12 दिसंबर 1969
5. 22 अगस्त 1979 से 31 दिसंबर 1984
6. 31 दिसंबर 1984 से 18 दिसंबर 1989
7. 20 मई 2014 से 24 मई 2019