Rapid Rail Project: देश की पहली रैपिड रेल का लुक जारी, 180 की रफ्तार से एक घंटे में पूरा होगा दिल्ली से मेरठ का सफर 

Rapid Rail Project: देश की पहली रैपिड रेल का लुक जारी, 180 की रफ्तार से एक घंटे में पूरा होगा दिल्ली से मेरठ का सफर 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-25 16:18 GMT
Rapid Rail Project: देश की पहली रैपिड रेल का लुक जारी, 180 की रफ्तार से एक घंटे में पूरा होगा दिल्ली से मेरठ का सफर 
हाईलाइट
  • गुजरात के सावली प्लांट में बनेंगी ट्रेनें
  • दिल्‍ली के लोटस टैंपल से प्रेरित है रैपिड ट्रेन
  • दो चरण में किया जा रहा ट्रैक का काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ट्रांसपोर्ट का स्वरूप तेजी से बदलता जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को देश की पहली रैपि​ड रेल का लुक जारी हुआ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम इस ट्रेन के एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय करने का दावा कर रहा है। इस ट्रेन की रफ्तार अधिकतम 180 किलोमीटर आंकी जा रही है। इसके मद्देनजर वायडक्ट का निर्माण किया जा रहा है। कास्टिंग यार्ड में निर्माण की गति से सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण में तेजी आएगी। 

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शुक्रवार को भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) ट्रेन का प्रथम लुक का अनावरण किया गया। इसमें दिखाया गया कि वास्तव में दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल दौड़ती हुई कैसी नजर आएगी। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी परिवहन निगम (NCRTC) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह और एनसीआरसीटी के बोर्ड के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। इस मौके पर मंत्रालय, एनसीआरटीसी और बॉम्बार्डियर के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 180किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड वाली आरआरटीएस ट्रेन भारत में अपने प्रकार की पहली आधुनिक प्रणाली वाली ट्रेन है।

गुजरात के सावली प्लांट में बनेंगी ट्रेनें
एनसीआरटीसी ने ट्रेनों के निर्माण का काम बॉम्बार्डियर इंडिया को दिया है। सभी ट्रेनें बॉम्बार्डियर इंडिया के सावली प्लांट, गुजरात में बनेंगी। बॉम्बार्डियर ने आरआरटीएस ट्रेनों का डिजाइन हैदराबाद फैसिलिटी में तैयार किया है। 

दो चरण में किया जा रहा ट्रैक का काम
दिल्ली से मेरठ तक ट्रैक का काम दो स्थानों को बांटकर कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक और दूसरे चरण में शताब्दी नगर से दुहाई तक निर्माण कार्य किया जा रहा है। अब तक दुहाई से साहिबाबाद के बीच के प्राथमिक खंड पर वायडक्ट के फाउंडेशन के लिए 2500 से अधिक पाइल, 210 से अधिक पाइल कैप और 100 से ज्यादा पिलर बनकर तैयार हैं। इस खंड पर चार स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई का निर्माण भी जोरों पर है। वायडक्ट के स्पैन के लॉन्चिंग का कार्य भी प्रगति पर है। एनसीआरटीसी ने दुहाई से शताब्दी नगर (मेरठ) के बीच के 33 किमी के हिस्से पर भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अब 82 किमी लंबे कॉरिडोर के 50 किमी से अधिक के हिस्से पर निर्माण कार्य चल रहा है।

बिजनेस क्‍लास के अलावा भी यह सुविधा मिलेगी 
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच होगा। बिजनेस क्लास कोच के अंदर फूड डिस्पेंडिंग मशीन भी लगी होगी। आरआरटीएस ट्रेनों में 2x2 ट्रांसवर्स आरामदायक सीटें, यात्रियों के पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह, खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों के आरामदायक सफर के लिए दोनों तरफ की सीटों के बीच में पर्याप्त जगह, सामान रखने का रैक, मोबाइल/ लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, वाई-फाई और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं भी होंगी।

दिल्‍ली के लोटस टैंपल से प्रेरित है रैपिड ट्रेन
आरआरटीएस ट्रेनों का डिजाइन नई दिल्ली के प्रतिष्ठित लोटस टेम्पल से प्रेरित है। लोटस टेम्पल एक ऊर्जा-कुशल इमारत का प्रतीक है, क्योंकि इसका डिजाइन प्रकाश और वायु के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है। इसी तरह, आरआरटीएस ट्रेन में भी ऐसी प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी जो ऊर्जा के कम खपत के बावजूद यात्रियों को आरामदायक अनुभव देगी।

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