12 लाख दीयों से जगमग हुई रामनगरी अयोध्या, रिकॉर्ड गिनीज बुक में हुआ दर्ज
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव 12 लाख दीयों से जगमग हुई रामनगरी अयोध्या, रिकॉर्ड गिनीज बुक में हुआ दर्ज
- अयोध्या में भव्य और दिव्य दीपोत्सव
डिजिटल डेस्क, अयोध्या । राम की नगरी अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान आज रामपैड़ी के 32 घाटों पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीये जलाए गए। दीयों की गिनती के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंची थी। राम की नगरी को 12 लाख दीयों से सजाया गया। 32 टीमों ने मिलकर 12 लाख दीये जलाए। ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक जलाए गए। जबकि रामजन्म भूमि परिसर में 51 हजार दीये जलाए गए। दीयों की गिनती के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंची थी।
इस ऐतिहासिक घटना का पूरा विश्व साक्षी बना। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री जी. किशन रेड्डी, वियतनाम, केन्या, त्रिनिनाद और टोबैको के राजदूत, हाई कमिश्नर, मुख्यमंत्री योगी अपने कैबिनेट के अनेक सहयोगियों के साथ इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। अयोध्या में आयोजित दिव्य दीपोत्सव 2021 में श्रीराम के प्रतीकात्मक राज्याभिषेक, सरयू आरती व दीप प्रज्ज्वलन करने के बाद पंचम दीपोत्सव पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दिवाली का ये उमंग उत्साह सभी के जीवन में बना रहे। उन्होंने कहा हमने उत्तर प्रदेश में 9 लाख लोगों को घर दिए हैं। इसलिए सरयू तट पर 9 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए।
गौरतलब है कि इस बार राम की पैड़ी पर 09 लाख 51 हजार दीये जलाकर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ। साथ ही घाट पर स्थानीय लोगों ने आतिशबाजी व भगवान राम और भगवती सीता के जीवन से जुड़े रामायण के अनेक प्रसंगों पर आधारित लेजर शो का भरपूर आनंद लिया। इसके बाद राम कथा पार्क में श्रीलंका की रामलीला का मंचन भी किया गया। दीपों की झिलमिल रोशनी के बीच श्रीराम-सीता की कृति को लेजर के जरिए जब उकेरा तो ऐसा लग रहा था। मानो त्रेता युग के राम सिया जमीन पर उतर आए हों। भव्य और दिव्य दीपोत्सव की सुंदरता उस वक्त दुगनी हो गई। जब ढलते दिन और चढ़ती शाम के बीच एलईडी लाइट सरयू नदी पर पड़ रही थी।
ऐसा लग रहा था कि आसमान से चांद सितारे प्रभु श्रीराम के स्वागत में उतर आए हों। एलईडी लाइट से तैयार 12 से अधिक स्वागत द्वारों की छटा ने सभी आगंतुकों का मन मोह लिया। राम की पैड़ी, श्रीरामजन्मभूमि, भरतकुंड,कनक भवन, रामवल्लभाकुंज ,बड़ा भक्त मालमणिरामदास जी की छावनी, दशरथ महल, हनुमानगढ़ी, राजसदन, सुग्रीव किला, अशर्फी भवन, मणिपर्वत, दिगंबर अखाड़ा, गिरिजाकुंड, रामकचहरी, चित्रगुप्त मंदिर, छोटी देवकाली, बड़ी देवकाली, साईं मंदिर, रंगमहल, अष्टभुजा, विभीषणकुंड, करतलिया बाबा, पत्थर मंदिर, हनुमानगढ़ी, दंतधावन कुंड, सीयराम जानकी किला इसके अलावा विद्यालयों, व अन्य स्थानों पर भी दीप प्रज्जवलित किए गए।
(आईएएनएस)