Lockdown Diary: त्रिपुरा में 13 अप्रैल को हुआ 'लॉकडाउन' का जन्म, जानिए क्या है पूरी कहानी

Lockdown Diary: त्रिपुरा में 13 अप्रैल को हुआ 'लॉकडाउन' का जन्म, जानिए क्या है पूरी कहानी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-22 07:20 GMT
Lockdown Diary: त्रिपुरा में 13 अप्रैल को हुआ 'लॉकडाउन' का जन्म, जानिए क्या है पूरी कहानी

डिजिटल डेस्क, अगरतला। देश में लॉकडाउन के कारण त्रिपुरा में फंसे राजस्थान के एक प्रवासी दंपति ने अपने नवजात बच्चे का नाम लॉकडाउन रखा है। उनके बेटे का जन्म 13 अप्रैल को लॉकडाउन के दौरान हुआ था, इसलिए उन्होंने बच्चे नाम लॉकडाउन रख दिया। बता दें कि, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू 21 दिन का 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया है।

बताया गया कि, सरकारी अधिकारियों ने बच्चे का नाम "लॉकडाउन" रखने का सुझाव दिया क्योंकि देश में लॉकडाउन के दौरान पैदा हुआ था। नवजात के पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। हमें प्रशासन से भोजन और सारी सुविधाएं भी मिल रही हैं। वह लॉकडाउन के दौरान पैदा हुआ था, इसलिए हमने उसे लॉकडाउन नाम देने का फैसला किया।

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जानकारी के मुताबिक त्रिपुरा में फंसे राजस्थान के अलवर के रहने वाले दंपति संजय बाउरी और उनकी पत्नी मंजू बाउरी प्लास्टिक की माला बेचते हैं। पैसे कमाने के लिए ये लोग अलग-अलग राज्यों में भी जाते हैं। सस्ते प्लास्टिक के सामान को बेचने के लिए वे हर साल छह महीने के लिए त्रिपुरा आते हैं।

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