सड़क पर भीख मांग रहा था 'करोड़पति भिखारी', आधार से पता चली सच्चाई
सड़क पर भीख मांग रहा था 'करोड़पति भिखारी', आधार से पता चली सच्चाई
डिजिटल डेस्क, रायबरेली। उत्तरप्रदेश के रायबरेली से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको सुनने के बाद लोगों को "आधार कार्ड" की अहमियत का अंदाजा हो जाएगा। दरअसल, रायबरेली के रालपुर कस्बे में एक बुजुर्ग शख्स सड़कों पर भीख मांग रहा था। भिखारी समझकर लोगों ने भी इस शख्स को नजरअंदाज किया। इसके बाद इस बुजुर्ग पर अलंगपुरम स्कूल के स्वामी पर भास्कर की नजर पड़ी तो वो उसे आश्रम ले आए। आश्रम में उसको नहलाया-धुलाया गया और नए कपड़े पहनाए गए। इसके बाद पता चला कि सड़कों पर भीख मांग रहा ये शख्स भिखारी नहीं बल्कि तमिलनाडु का एक करोड़पति कारोबारी है। जिसके बाद इस बुजुर्ग के आधार कार्ड पर लिखे नंबर पर फोन लगाया गया और इसके परिवार वालों को जानकारी दी गई।
खाना मांगने चले आया था स्कूल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सड़कों पर ये शख्स भीख मांग रहा था, लेकिन भिखारी होने के कारण इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ये शख्स कई दिनों से भूखा भी था। बताया जा रहा है कि 13 दिसंबर को ये शख्स रालपुर के अनंगपुर स्कूल पहुंचा और खाने के लिए खाना मांगने लगा। इसके बाद प्रबोध इंटर कॉलेज, अनंगपुर के संस्थापक स्वामी भास्कर की नजर इस शख्स पर पड़ी। उन्होंने इस बुजुर्ग को आश्रम में बुलाया और फिर नहला-धुलाकर उसे नए कपड़े पहनने को दिए। उस बुजुर्ग के कपड़ों की जब तलाशी ली गई तो उसमें उसका आधार कार्ड और 1 करोड़ 36 लाख रुपए से ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के कागज मिले।
करोड़ों रुपए की एफडी और तिजोरी की चाबी मिली
स्वामी भास्कर ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि इस शख्स को नहला-धुलाने के बाद इसके पुराने कपड़ों की तलाशी ली गई। उसके कपड़ों से उसका आधार कार्ड निकला। इसके साथ ही 1 करोड़ 6 लाख 92 हजार 731 रुपए की एफडी के पेपर्स मिले। इसके अलावा इस बुजुर्ग के पास से एक 6 इंच लंबी तिजोरी की चाबी भी बरामद की हुई है।
आधार कार्ड ने मिलवाया घरवालों से
इसके आगे स्वामी ने बताया कि इस शख्स के पास से जो आधार कार्ड मिला, उससे पता चला कि ये शख्स तमिलनाडु का रहने वाला है। इसकी पहचान मुथैया नादर के रुप में हुई है। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड पर उसके घर का फोन नंबर भी था। जब इस नंबर पर फोन लगाया गया तो पता चला कि इस शख्स को उसको घर वाले कई दिनों से ढूंढ रहे हैं। बुजुर्ग की खबर मिलने के बाद उसकी बेटी गीता फ्लाइट से लखनऊ पहुंची और यहां से सीधे रालपुर के लिए चली गई। रालपुर पहुंचकर गीता ने अपने पिता को गले से लगा लिया और स्वामी जी को धन्यवाद दिया। इसके बाद गीता अपने पिता को लेकर तमिलनाडु चली गई।
6 महीने पहले हो गए थे गुम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुथैया नादर करीब 6 महीने पहले ट्रेन से कहीं जा रहे थे और इसी दौरान वो गुम गए। माना जा रहा है कि मुथैया जहरखुरानी का शिकार होने के कारण मुथैया अपना मानसिक संतुलन खो बैठे और भिखारी बनकर घूमते रहे। इसके बाद से ही घरवालों ने इनकी तलाशी शुरू कर दी थी, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। आखिरकार स्वामी जी की नजर उनपर पड़ी और मुथैया दोबारा से अपने घर जा सके।