प्रियंका का वित्त मंत्री पर हमला, कहा- राजनीति से ऊपर उठकर मंदी की बात स्वीकारें

प्रियंका का वित्त मंत्री पर हमला, कहा- राजनीति से ऊपर उठकर मंदी की बात स्वीकारें

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-02 03:44 GMT
प्रियंका का वित्त मंत्री पर हमला, कहा- राजनीति से ऊपर उठकर मंदी की बात स्वीकारें
हाईलाइट
  • अर्थव्यवस्था को लेकर प्रियंका गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर साधा निशाना
  • उन्होंने कहा
  • अर्थव्यवस्था के बारे में लोगों से सच बोलने की जरूरत है
  • प्रियंका ने सवाल किया कि
  • क्या सरकार स्वीकार करती है
  • मंदी है या नहीं?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रही है। जीडीपी विकास दर सात साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। ऐसे में मंदी की बात नहीं स्वीकारने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर हमला बोला। प्रियंका ने कहा, निर्मला सीतारमण को अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में राजनीति से ऊपर उठकर भारत की जनता से सच बोलने की जरूरत हैं।

प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी वित्त मंत्री के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था, सरकार जरूरत के मुताबिक क्षेत्रवार समस्याओं को सुलझाने के कदम उठा रही है। सीतारमण से पत्रकारों ने पूछा था, क्या अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है। इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं।

वित्त मंत्री इसी बयान को लेकर निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं? वित्त मंत्री को हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में राजनीति से ऊपर उठने और देश के लोगों से सच बोलने की जरूरत है। इतना ही नहीं प्रियंका ने ये भी कहा कि, वे इस बात को स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है तो कैसे वे इस बड़ी समस्या को हल करेंगे जो उन्होंने खुद पैदा की है।

इससे पहले शनिवार को भी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अर्थव्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला था। बीजेपी के अच्छे दिनों वाले नारे को दोहराते हुए प्रियंका ने कहा था, अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली बीजेपी सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंक्चर कर दी है। उन्होंने सवाल भी उठाए थे कि, अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की ये किसकी करतूत है?

दरअसल देश की आर्थिक हालत बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है। विकास दर सात साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। चालू वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटकर पांच प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी। जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में जीडीपी 8.2% थी। साढ़े छह साल में ये इकोनॉमी की सबसे धीमी गति है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए।

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