राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति गोगोई को राज्यसभा के लिए किया मनोनीत
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति गोगोई को राज्यसभा के लिए किया मनोनीत
- 3 अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक SC में CJI रहे
- गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना
- देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे हैं रंजन गोगोई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम इस संबंध में अधिसूचना जारी की।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (तीन) के साथ पठित खंड (एक) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक मनोनीत सदस्य की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनाीनीत करते हैं।
न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला। 18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था।
28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बने।