सालार जंग म्यूजियम में वीर सावरकर की तस्वीर पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने ओवैसी पर साधा निशाना
सावरकर पर फिर विवाद सालार जंग म्यूजियम में वीर सावरकर की तस्वीर पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने ओवैसी पर साधा निशाना
- सावरकर की तस्वीर को लेकर कांग्रेस का बखेड़ा
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। वीर सावरकर को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस ने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। तेलंगाना कांग्रेस ने TRS सरकार से हैदराबाद के सालार जंग संग्रहालय से सावरकर की तस्वीर हटाने की मांग की है। यहां तक कि कांग्रेस ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी से भी इस संबंध में सवाल किया है और उन पर निशाना साधा है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आयोजन सचिव उस्मान मोहम्मद खान ने बीते मंगलवार को यहां मीडिया से बातचीत को दौरान कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को हैदराबाद के सालार जंग संग्रहालय का दौरा किया। संग्रहालय में हमने संग्रहालय के अंदर सावरकर की तस्वीर लगाने पर आपत्ति जताई और इसे हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार इसे तत्काल प्रभाव से हटाए।
कांग्रेस ने ओवैसी को घेरा
तेलंगाना कांग्रेस ने एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी से सवाल किया और कहा कि सालार जंग संग्रहालय आपके क्षेत्राधिकार में आता है, यहां आपके विधायक, स्थानीय पार्षद है। इतना बड़ा मुद्दा हो रहा है और आपकी की जानकारी से बाहर है? हालांकि अभी तक ओवैसी की तरफ से इसको लेकर कोई भी बयान सामने नहीं आया है।
याद आई हैदराबाद के निजामों की
कांग्रेस नेता ने संग्रहालय में हैदराबाद के निजाम की वकालत करते हुए कहा कि यहां पर उनका कम प्रतिनिधित्व है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि यह संग्रहालय हैदराबाद में सबसे बेस्ट संग्रहालय में एक है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे यहां की दृश्यों को देखकर बहुत बुरा लगा। गौरतलब है कि सालार जंग निजाम शासन के एक प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान हुई थी। यहां के निजाम परिवार ने कई वस्तुएं तक दान दी थीं। हालांकि, सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
दो साल पहले से सावरकर पर सियासत गर्म
गौरतलब है कि साल 2020 में कांग्रेस सेवादल की किताब में वीर सावरकर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मुद्दा गरमा गया था। सावरकर को लेकर कांग्रेस व बीजेपी के बीच सियासी जंग छिड़ा हुआ है। कांग्रेस सेवादल की किताब में सावरकर को समलैंगिक बताया गया था और कहा गया था कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच शारीरिक संबंध थे। हालांकि भाजपा इसे सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस की साजिश बताती आ रही है।
बीते साल अक्टूबर 2021 में वीर सावरकर के जीवन पर उदय माहूरकर एवं चिरायु पंडित द्वारा लिखी एक पुस्तक ‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भाग लिया था और कहा था कि सावरकर ने खुद नहीं, बल्कि गांधी जी के कहने पर दया याचिका लगाई थी। राजनाथ सिंह ने अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर ये बात कही थी।