प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे
नई दिल्ली प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे
- पीएम मोदी 16 दिसंबर को 5 हजार किसानों को करेंगे संबोधित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 दिसंबर को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे, जिसमें प्राकृतिक खेती की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी। यह शिखर सम्मेलन 14 से 16 दिसंबर, 2021 तक गुजरात के आणंद में आयोजित होने वाले प्री-इवेंट वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है।
इस सम्मेलन में पांच हजार किसान शामिल होंगे। इसके अलावा, आईसीएआर के 80 केंद्रीय संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र और राज्यों में एटीएमए नेटवर्क भी किसानों को प्राकृतिक खेती के अभ्यास और लाभों के बारे में जानने और जानने के लिए इस कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए जोड़ेंगे। इसके अतिरिक्त, देश भर के किसान और लोग पीएमइंडियावेबकास्ट डॉट निक डॉट इन लिंक के माध्यम से सम्मेलन में भाग ले सकते हैं या इसे दूरदर्शन पर लाइव देख सकते हैं।
सरकार ने पिछले छह वर्षो के दौरान किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि को बदलने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। प्रणाली की स्थिरता, लागत में कमी, बाजार पहुंच और किसानों को बेहतर प्राप्ति के लिए पहल को बढ़ावा देने और समर्थन देने के प्रयास चल रहे हैं। शून्य बजट प्राकृतिक खेती को खरीदे गए इनपुट पर किसानों की निर्भरता को कम करने, पारंपरिक क्षेत्र-आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करके कृषि की लागत को कम करने के लिए एक आशाजनक उपकरण के रूप में पहचाना गया है, जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
यह कृषि पद्धतियों को एकल-फसल से विविध बहु-फसल प्रणालियों में स्थानांतरित करने पर जोर देता है। देसी गाय, उसका गोबर और मूत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे विभिन्न इनपुट जैसे जीवामृत और घनजीवमृत खेत पर बनते हैं और अच्छे कृषि उत्पादन के लिए पोषक तत्वों और मिट्टी के लिए जीवन का स्रोत हैं।
अन्य पारंपरिक प्रथाएं जैसे कि बायोमास के साथ मिट्टी को मल्चिंग करना या साल भर मिट्टी को हरित आवरण से ढक कर रखना, यहां तक कि बहुत कम पानी की उपलब्धता की स्थिति में भी ऐसी प्रथाएं जोड़ी जाती हैं जो गोद लेने के पहले वर्ष से भी निरंतर उत्पादकता सुनिश्चित करती हैं। ऐसी रणनीतियों पर जोर देने और देश के दूर-दराज के इलाकों में किसानों तक संदेश पहुंचाने के लिए गुजरात सरकार प्राकृतिक खेती पर फोकस के साथ इस शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रही है। विषय पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रख्यात वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। देशभर से 300 से अधिक प्रदर्शकों की प्रदर्शनी एक अतिरिक्त आकर्षण होगी।
(आईएएनएस)