पीएम मोदी की लोकप्रियता हुई कम, कोरोना के बीच चुनावी रैली और ममता से हार रही वजह

आईएएनएस-सी वोटर सर्वे पीएम मोदी की लोकप्रियता हुई कम, कोरोना के बीच चुनावी रैली और ममता से हार रही वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-31 09:00 GMT
पीएम मोदी की लोकप्रियता हुई कम, कोरोना के बीच चुनावी रैली और ममता से हार रही वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईएएनएस-सी वोटर के सर्वेक्षण के मुताबिक इस वर्ष पश्विम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुल संतोषजनक रेटिंग घटकर मात्र 36 रह गई थी जो उनके प्रधानमंत्री बनने के 2014 के बाद से सबसे कम है ।

आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के मुताबिक लोगों में पीएम मोदी की छवि काफी लोकप्रिय थी लेकिन वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जनता पीएम मोदी के कामकाज से काफी असंतुष्ट नजर आई थी। इस दौरान 58 प्रतिशत शहरी और 61 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने कहा था कि देश जब कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा था तो उस वक्त पीएम मोदी की चुनाव प्रचार रैलियों को लेकर वाकई उन्हें अच्छा नहीं लगा था। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जो तबाही मची थी और इसके बाद आर्थिक गतिविधियों के कम हो जाने का असर मोदी की कार्यशैली की संतोषजनक रेटिंग पर पड़ा था और यह घटकर सबसे कम 36 पायदान तक आ गई थी।

कोरोना के कारण देश में पहली बार लगाए गए 2020 के लॉकडाउन के कारण देश में औद्योगिक उत्पादन संबंधी गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थी और इसका असर देश के सकल घरेलू उत्पाद पर पड़ा था और वित्त वर्ष 2020-21 में यह 7.5 प्रतिशत से अधिक कम हो गया था। इससे बुरा हाल रोजगार के क्षेत्र में हुआ था और सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर इस दौरान बढ़कर 22 प्रतिशत से ज्यादा हो गई थी। इसके बाद आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के नवंबर 2021 के सर्वेक्षण में एक बार फिर रोजगार के क्षेत्र में 28.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अब रोजगार से हाथ धाने का उन्हें कोई खतरा नहीं है जबकि 33.5 प्रतिशत लोगों ने इस दौरान नौकरी से छंटनी किए जाने की आशंका व्यक्त की थी । लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी की लोकप्रियता कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले तीन गुना अधिक थी।

इस वर्ष जून में जब देश में सामूहिक कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया गया और आर्थिक क्षेत्र में जोरदार सुधार के बाद श्री मोदी की लोकप्रियता में एक बार जबर्दस्त सुधार हुआ और यह बढ़कर लगभग 50 अंकों के समीप हो गई लेकिन यह अभी भी उस पायदान से कम है जो उनके 2019 में प्रधानमंत्री बनने के दौरान थी। लेकिन इसका एक संदेश यह भी है कि भले ही उनकी लोकप्रियता में कितनी ही गिरावट आ जाए मगर वह अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर अपने विरोधी नेताओं के मुकाबले भारतीय मतदाताओं में तुलनात्मक रूप से लोकप्रिय हैं।

 

(आईएएनएस)

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