GSAT-30: सैटलाइट की सफल लॉन्चिंग पर PM मोदी ने ISRO को दी बधाई
GSAT-30: सैटलाइट की सफल लॉन्चिंग पर PM मोदी ने ISRO को दी बधाई
- GSAT-30 सैटेलाइट 15 सालों तक काम करेगा
- प्रधानमंत्री मोदी ने बताई GSAT-30 की विशेषता
- शुक्रवार की देर रात ISRO ने लॉन्च किया GSAT-30
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संचार उपग्रह GSAT-30 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि "2020 के पहले सैटेलाइट लॉन्च के लिए ISRO टीम को शुभकामनाएं। GSAT-30, अपने यूनिक कॉन्फिग्यूरेशन से DTH टेलीविजन सर्विस और ATM कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और शेयर बाजारों में संपर्क बढ़ाने के लिए भी मददगार साबित होगा। मैं ISRO के लिए कई और सफल मिशन की कामना करता हूं।"
Congratulations to our @isro team for the first satellite launch of 2020. GSAT-30, with its unique configuration will provide DTH Television services, connectivity to ATMs, stock exchanges and e-Governance. Wish many more successful missions to ISRO in the year: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 17, 2020
बता दें कि ISRO ने शुक्रवार की देर रात 2 बजकर 35 मिनट पर इस साल का पहला कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-30 की सफल लॉन्चिंग की। इसे यूरोपियन हैली रॉकेट एरियन-5 ईसीए के जरिए लॉन्च किया गया, जो कम्युनिकेशन सैटेलाइट INSAT-4A का स्थान लेगा। INSAT-4A को 2005 में लॉन्च किया गया था।
ISRO ने किया डिजाइन
GSAT-30 को इसरो ने डिजाइन किया है। इसका वजन कुल 3100 किलोग्राम है। जीसैट-30 पंद्रह सालों तक काम करेगा। इसे जियो-इलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित गया है। इसमें दो सोलर पैनल और बैटरी है। GSAT-30 से देश की संचार व्यवस्था मजबूत होगी। यह सैटेलाइट केयू बैंड में भारतीय मुख्य भूमि और द्वीपों को, सी बैंड में खाड़ी देशों, बड़ी संख्या में एशियाई देशों और आस्ट्रेलिया को कवरेज प्रदान करेंगा। GSAT-30 से राज्य संचालित और निजी सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को संचार लिंक प्रदान करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
इस साल लॉन्च होंगे 10 सैटेलाइट्स
इस सैटेलाइट का उपयोग व्यापक रूप से वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंकिंग, टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटेलाइट खबर संग्रहण (डीएसएनजी), डीटीएच टेलीविजन सेवाओं आदि के लिए किया जाएगा। इसरो इस साल करीब 10 सैटेलाइट्स को लॉन्च करेगा। इसमें आदित्य-एल-1 सैटेलाइट शामिल है। यह मिशन सूर्य पर रिसर्च करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। बता दें इसरो ने पिछले साल सात उपग्रह मिशन लॉन्च किए थे।