महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, पीएम मोदी ने भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, पीएम मोदी ने भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर साबरमति के तट से "स्वच्छ भारत दिवस" कार्यक्रम में भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया। इस दौरान उन्होंने स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए देश के सभी सरपंचों, नगरपालिका-महानगरपालिका के संचालकगण, स्वच्छाग्रहियों का सिर झुकाकर नमन किया। पीएम मोदी ने डाक टिकट और 150 रुपये का चांदी का सिक्का भी जारी किया।
पीएम मोदी ने कहा, देश के सभी सरपंचों, नगरपालिका-महानगरपालिका के संचालकगण, स्वच्छाग्रहियों, भगिनीगण आप सबने पांच साल लगातार जिस समर्पण और त्याग की भावना से पूज्य बापू का सपना साकार किया है मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करना चाहता हूं। पीएम ने कहा, बापू की जयंती का उत्सव तो पूरी दुनिया मना रही है। कुछ दिन पहले UN ने डाक टिकट जारी कर इस विशेष अवसर को यादगार बनाया और आज यहां भी डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया है। मैं आज बापू की धरती से, उनकी संकल्प स्थली से पूरे विश्व को शुभकामनाएं देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, आज ग्रामीण भारत ने, वहां के गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। स्वेच्छा, स्वप्रेरणा से और जनभागीदारी से चल रहे "स्वच्छ भारत अभियान" की ये शक्ति भी है और सफलता का स्रोत भी है। मैं हर देशवासी को, ग्रामीण को, सरपंचों को, तमाम स्वच्छाग्रहियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज जिन स्वच्छाग्रहियों को यहां स्वच्छ भारत पुरस्कार मिले हैं उनका भी बहुत-बहुत अभिनंदन। जिस तरह देश की आजादी के लिए बापू के एक आह्वान पर लाखों भारतवासी सत्याग्रह के रास्ते पर निकल पड़े थे, उसी तरह स्वच्छाग्रह के लिए भी करोड़ों देशवासियों ने खुले दिल से अपना सहयोग दिया।
पांच वर्ष पहले जब लालकिले से मैंने स्वच्छ भारत के लिए देशवासियों को पुकारा था, तब हमारे पास सिर्फ जन विश्वास था और बापू का अमर संदेश था। आज पूरा विश्व हमें इसके लिए पुरस्कृत कर रहा है, सम्मान दे रहा है। 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक आबादी को शौचालय की सुविधा देना, 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण, ये सुनकर विश्व अचंभित है। मुझे संतोष इस बात का है कि स्वच्छता की वजह से गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च अब कम हुआ है। इस अभियान ने ग्राणीण इलाकों, आदिवासी अंचलों में लोगों को रोजगार के नए अवसर दिए, बहनों को भी रानी मिस्त्री बनकर काम करने के मौके दिए।
UNICEF के अनुसार बीते पांच वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से भारत की अर्थव्वयस्था पर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। स्वच्छ भारत अभियान से 75 लाख से अधिक रोजगार के अवसर भारत में बने हैं, जिनमें से अधिकतर गांवों के बहन-भाइयों को मिले हैं। सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया है इससे भी जल बचाने में मदद मिलने वाली है। सरकार ने जल जीवन मिशन पर 3.50 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है, लेकिन देशवासियों की सक्रिय भागीदारी के बिना इस विराट कार्य को पूरा करना मुश्किल है।
पीएम मोदी ने कहा, स्वच्छता, पर्यावरण सुरक्षा और जीव सुरक्षा, ये तीनों विषय गांधी जी के प्रिय थे। प्लास्टिक इन तीनों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। वर्ष 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य हमें हासिल करना है। हमारे इस आंदोलन के मूल में व्यवहार परिवर्तन है। ये परिवर्तन पहले स्वयं से होता है, संवेदना से होता है। यही सीख हमें गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से मिलती है।
आज पूरी दुनिया स्वच्छ भारत अभियान के हमारे मॉडल से सीखना चाहती है, अपनाना चाहती है। कुछ दिन पहले ही अमेरिका में जब भारत को Global Goalkeepers Award से सम्मानित किया गया तो भारत की कामयाबी से पूरा विश्व परिचित हुआ। गांधी जी सेहत को सच्चा धन मानते थे और चाहते थे कि देश का हर नागरिक स्वस्थ हो। हम योग दिवस, आयुष्मान भारत, फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए इस विचार को देश के व्यवहार में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
गांधी जी, समाज में खड़े अंतिम व्यक्ति के लिए हर फैसला लेने की बात करते थे। हमने आज उज्जवला, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन योजना, सौभाग्य योजना, स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं से उनके इस मंत्र को व्यवस्था का हिस्सा बना दिया है। बापू के सपनों का भारत, नया भारत बन रहा है। बापू के सपनों का भारत, जो स्वच्छ होगा, पर्यावरण सुरक्षित होगा। जहां हर व्यक्ति स्वस्थ होगा, फिट होगा। जहां हर मां, हर बच्चा पोषित होगा। बापू के सपनों का भारत, जहां हर नागरिक सुरक्षित महसूस करेगा।
मैं आप सबसे एक आग्रह करना चाहता हूं - देश के लिए कोई भी संकल्प लीजिए, लेकिन लीजिए जरूर। राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों के बारे में सोचिए। कर्तव्य पथ पर चलते हुए 130 करोड़ प्रयास, 130 करोड़ संकल्पों की ताकत, देश में कितना कुछ कर सकती है। आज संकल्प लेकर अगले एक साल तक हमें निरंतर इस दिशा में काम करना है. एक साल काम किया, तो फिर यही हमारे जीवन की दिशा बन जाएगी. यही हमारी जीवनशैली बन जाएगी. यही एक कृतज्ञ राष्ट्र की बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।