बड़ा फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा बोर्ड को दी मान्यता, हाई कोर्ट के फैसले को पलटा
- हाई कोर्ट का फैसला पलटा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मदरसा एक्ट मामले में बड़ा फैसला सुनाया। इस मामले में कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए यूपी मदरसा एक्ट की संवैधानिकता को जारी रखते हुए मान्यता प्रदान की। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से योगी सरकार का बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने यूपी मदरसा एक्ट को संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ बताया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मदरसे में पढ़ रहे सभी छात्रों का दाखिला सामान्य स्कूलों में कराया जाए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में आज सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जस्टिस की पीठ ने सुनावई में इसे अनुचित ठहराया है।
धार्मिक शिक्षा के लिए नहीं किया जा सकता मजबूर - सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार सिर्फ शिक्षा को नियमित करने के लिए कानून बना सकती है। इनमें सिलेबस, छात्रों के स्वास्थ्य जैसे कई चीजें शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि मदरसा मजहबी शिक्षा के अलावा बच्चों को सामान्य शिक्षा भी देती है। ऐसे में किसी भी छात्र को धार्मिक शिक्षा के लिए बाधित नहीं किया जा सकता है।
मदरसे की डिग्रियों को बताया असंवैधानिक
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक्ट के तहत मदरसा बोर्ड को फाजिल, कामिल समेत अन्य डिग्री देने का अधिकार प्राप्त है। ये यूजीसी एक्ट के खिलाफ है। इसे हटा देना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि मदरसा का डिग्री देने असंवैधानिक है, लेकिन एक्ट संवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट में यह फैसला सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनाया है।
इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को पलटा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार की सहमति से बोर्ड धार्मिक चरित्र को प्रभावित किए बिना सेक्युलर शिक्षा देने की व्यवस्था बना सकता है। इससे पहले 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा मामले में सुनवाई की थी। इस दौरान कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतिम रोक लगा दी थी। इसके बाद 22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।