INX मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम की कस्टडी बढ़ी, रहना होगा तिहाड़ जेल में

INX मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम की कस्टडी बढ़ी, रहना होगा तिहाड़ जेल में

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-27 11:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन बढ़ाने की मांग की थी। स्पेशल जज अजय कुमार कुहर ने ईडी की मांग को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। 74 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेस नेता के वकील ने ईडी की याचिका का विरोध नहीं किया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। सीबीआई और ईडी दोनों अलग-अलग INX मीडिया मामले की जांच कर रही है। सीबीआई भ्रष्टाचार के मामले की और ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की। सीबीआई ने 21 अगस्त को चिंदबरम को उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। जबकि ईडी ने 16 अक्टूबर को। सीबीआई वाले मामले में चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन  ईडी मामले में अभी उनसे पूछताछ की जा रही है। कोर्ट ने चिदंबरम को 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था।

सीबीआई वाले मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चिदंबरम को 5 सितंबर को 14 दिनों के लिए तिहाड़ जेल भेजा था। चिदंबरम के वकीलों ने इस दौरान अदालत में एक अन्य आवेदन भी दिया था जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। चिदंबरम के इस आवेदन पर 12 सितंबर को सुनवाई हुई थी। हालांकि अदालत ने चिंदबरम के इस आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद ED ने 11 अक्टूबर को पी चिदंबरम के प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट का रुख किया। ईडी के कोर्ट जाने के बाद स्पेशल जज अजय कुमार कुहर ने आदेश दिया कि चिदंबरम को 14 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से पहले पेश किया जाए।

15 अक्टूबर को कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि ईडी बुधवार को तिहाड़ जेल में चिदंबरम से पूछताछ कर सकती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। 16 अक्टूबर को ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ करने के बाद पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया।

2007 में जब UPA-1 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे उस वक्त उन्होंने मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की थी। उन्होंने अनियमितता बरतते हुए मीडिया समूह को FIPB क्लीयरेंस दे दिया। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले। इस मामले में CBI ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल ED ने भी इस मामले में मनी-लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।

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