पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी

पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-08 11:33 GMT
पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। पीएनबी में 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी कर दोनों मामा-भांजे देश छोड़कर भाग चुके हैं।

बता दें कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए पीएनबी के कुछ कर्मचारियों की मदद ली थी। घोटाला पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रान्च में हुआ था। फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए पैसों की निकासी की गई। इस मामले की जांच ईडी और सीबीआई और जैसी एजेंसियां कर रही हैं। सीबीआई के नोटिस के जवाब में नीरव और चौकसी ने पेश होने से इनकार कर दिया था। 


हॉन्ग कॉन्ग में नीरव मोदी
पिछले दिनों विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जानकारी देते हुए कहा, MEA ने दोनों डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का पासपोर्ट सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही 23 मार्च को पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हॉन्ग कॉन्ग की सरकार से नीरव मोदी के प्रविजनल अरेस्ट की मांग का अनुरोध विदेश मंत्रालय की तरफ से किया गया है। बता दें कि विदेश राज्य मंत्री से पूछा गया था कि क्या मंत्रालय (MEA) को इस बात की कोई जानकारी है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी कहां हैं? 

ऐसे दिया मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फरवरी 2017 से मई 2017 के बीच 150 फर्ज़ी LoU के माध्यम से नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों- डायमंड आर यूएस, स्टेलर डायमंड और सोलर एक्सपोर्ट्स के नाम पर 6498 करोड़ रुपये पीएनबी से लिए। ये पैसा विदेशों में स्थित बैंकों की शाखाओं से गया था। जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी ने 17 शेल कंपनियों का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग की। 

ED को मिले दस्तावेजों में 468 करोड़ रुपये भारत में ऐक्सिस बैंक (Axis Bank) के अकाउंट में ऑरा जेम्स (Aura Gems) नाम की फर्ज़ी कंपनी से भेजा जाना पाया गया है। ये पैसा विदेशों में स्थित बैंकों की शाखाओं से जारी किया गया था। एक अधिकारी की माने तो नीरव मोदी के करीबी - कार्तिक दोशी और श्याम सुंदर वाधवा ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में नीरव की मदद की थी। 
 

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