क्या भारत में ओमिक्रॉन ने दे दी है दस्तक, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया सच
कोरोना का नया वेरिएंट क्या भारत में ओमिक्रॉन ने दे दी है दस्तक, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया सच
- देश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है - मंत्री
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि देश में अब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है लेकिन इसे और फैलने से रोकने के उपाय किए जा रहे हैं। अब तक पात्र आबादी को कुल 124 करोड़ टीकाकरण की खुराक दी जा चुकी है।
इससे पहले सुबह, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने नए कोविड वेरिएंट के सामने आने के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने राज्यों को सलाह दी गई है कि वे पॉजिटिव मामलों की शीघ्र पहचान और इसके प्रबंधन के लिए टेस्टिंग में तेजी लाएं। साथ ही, केंद्र ने हर घर दस्तक अभियान को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का निर्देश दिया है, जिसमें 100 प्रतिशत पहली खुराक प्रदान करने और जिन्हें दूसरी खुराक दी जानी है, उन पर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है।
राज्यों को शीघ्र पहचान और पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए समय पर परीक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी कहा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कहा था कि नए ओमिक्रॉन से संबंधित समग्र वैश्विक जोखिम बहुत अधिक है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने एक बयान में कहा कि ओमिक्रॉन के अप्रत्याशित तौर पर कई सारे स्पाइक प्रोटीन हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं कि जो संक्रमण का तेजी से प्रसार कर बड़ी आपदा में तब्दील हो सकते हैं।
डब्लूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन उच्च संख्या में उत्परिवर्तन यानी म्यूटेंट पैदा करने की क्षमता रखता है, जिसमें 26 से 32 म्यूटेंट भी हो सकते हैं और इनमें से कुछ चिंता का विषय हैं। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि हालांकि, अभी भी इस नए वैरिएंट को लेकर काफी अनिश्चितताएं हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर ओमाइक्रोन के संभावित प्रसार की संभावना अधिक है। इसने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पूरी दुनिया में तेजी से फैल सकता है। इसलिए इसने सभी देशों से वैक्सीनेशन में तेजी लाने का अनुरोध किया है। साथ ही सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को इन आपदाओं से निपटने के लिए तैयार करने को कहा गया है।
(आईएएनएस)