निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया जम्मू कश्मीर का बजट, विपक्ष ने कहा वहां कानून व्यवस्था की स्थिति संवेदनशील

नयी दिल्ली निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया जम्मू कश्मीर का बजट, विपक्ष ने कहा वहां कानून व्यवस्था की स्थिति संवेदनशील

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-14 13:00 GMT
हाईलाइट
  • घाटी में कानून व्यवस्था संवेदनशील

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर का 1.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी समेत विपक्ष के नेताओं के विरोध के बीच वित्त वर्ष 2022-23 के लिये जम्मू कश्मीर का बजट सदन में पेश किया। विपक्ष के नेता बजट पर चर्चा के लिये अधिक समय की मांग कर रहे थे।

मनीष तिवारी ने सदन में अपना पक्ष रखते हुये कहा, अनुच्छेद 370 को खारिज करते समय केंद्र सरकार ने कहा था कि इस तरह जम्मू कश्मीर पूरे देश के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ेगा और वहां विकास की गति तेज होगी। इसके 33 माह के बाद मैं अगर सरकार से यह सवाल पूछुंगा कि क्या वह अपने दोनों लक्ष्यों को हासिल करने में सफल रही है, तो मेरा जवाब होगा-नहीं। वर्ष 2019 में वहां कानून व्यवस्था की स्थिति संवेदनशील थी और वह 2022 में भी संवेदनशील है।

उन्होंने यह भी पूछा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब वापस मिलेगा। उन्होंने साथ ही सदन में अल्पसंख्यक सिखों के प्रतिनिधित्व के प्रावधान की भी मांग की। इस बहस में हिस्सा लेते हुये भारतीय जनता पार्टी के सांसद जुगल किशोर शर्मा ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि अगस्त 2019 के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में विकास की गति तेज हुई है।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रे ने बजट को ब्यूरोक्रेसी का खर्च बताया और कहा कि वह पहले भी अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का विरोध कर रहे थे और अब भी करेंगे। यह एक गलत कदम था और इसका खामियाजा देश को भविष्य में भुगतना होगा। इससे सिर्फ भाजपा का एजेंडा पूरा हुआ है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि क्या कांग्रेस सदन में यह वादा करती है कि जब वह सत्ता में आयेगी तो अनुच्छेद 370 को वापस लायेगी।

 

(आईएएनएस)

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