निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा ने खुद को बताया मानसिक बीमार, रुक सकती है फांसी!
निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा ने खुद को बताया मानसिक बीमार, रुक सकती है फांसी!
- दोषी विनय शर्मा का फांसी से बचने का नया पैंतरा
- वकील ने कोर्ट में बताया विनय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं
- सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gang Rape) और हत्या मामले के दोषी विनय शर्मा (Vinay Sharma) की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई हुई। अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला कल (14 फरवरी) दोपहर दो बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। दोषी विनय ने राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए है। वहीं मानसिक स्थिति खराब होने की दलील देकर फांसी से माफी की है।
दोषी विनय शर्मा के वकील ने कहा कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के कारण वह मेंटल ट्रॉमा से गुजर रहा है, इसलिए फांसी नहीं दी जा सकती है। वकील एपी सिंह ने कहा कि विनय शर्मा के जीने के अधिकार अनुच्छेद 21 का हनन है। वकील ने कहा, मैं अन्याय को रोकना चाहता हूं, आधिकारिक फाइल पर गृहमंत्री और एलजी से दस्तखत नहीं है। इसलिए मैं फाइल का निरीक्षण करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार होगा जब चार ऐसे लोगों को फांसी दी जाएगी जो हैबिचुअल अपराधी नहीं है।
वकील ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित दया याचिका की लाइन लगी हुई है, लेकिन इस मामले में पिक एंड चूज की नीति को अपनाया जा रहा है। वहीं इस मामले में चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने के लिए निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को इस मामले पर सुनवाई टल गई। अगली सुनवाई आज दोपहर 3 बजे शुरू होगी।
इससे पहले 7 फरवरी को अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन की उस याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें चारों दोषियों को फांसी देने के लिए नए डेथ वांरट की मांग की गई। कोर्ट ने कहा कि जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है।
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चिकित्सक ने निर्भया के परिजन का मजाक बनाया
उत्तर प्रदेश के बलिया से निर्भया के एक रिश्तेदार के साथ अभद्रता का वीडियो सामने आया है। यह घटना अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपलब्धता को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई है। वीडियो में बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) गांव के लोगों के एक समूह से कहते देखे जा रहे हैं कि वे डॉक्टर के लायक नहीं हैं, क्योंकि जिले से हाल के सालों में कोई डॉक्टर नहीं बना है। निर्भया के नाम पर बने अस्पताल के बाहर गांव वालों के साथ धरने पर बैठे निर्भया के संबंधी से सीएमओ ने कहा, क्या बीते 70 सालों में गांव से कोई डॉक्टर हुआ है? अगर इस गांव में डॉक्टर पैदा करने की योग्यता नहीं है तो वे कैसे उम्मीद कर सकते हैं?सीएमओ ने कहा, निर्भया कौन है? अगर वह बलिया से थी और मेडिसिन की पढ़ाई कर ही थी तो आप ने उसे क्यों दिल्ली भेजा।
Ballia:Verbal spat erupted b/w Chief Medical Officer of a primary healthcare centerrelative of 2012 Delhi gang-rape case,after villagers sit on a protest demanding doctorsbasic facilities at center. CMO says,"Who"s Nirbhaya?If she was studying medicine,why did she go to Delhi?" pic.twitter.com/Y91dEx9SRj
— ANI UP (@ANINewsUP) February 12, 2020