निर्भया केस: फांसी टालने दोषियों के वकील का नया पैंतरा, कोर्ट में दायर की याचिका
निर्भया केस: फांसी टालने दोषियों के वकील का नया पैंतरा, कोर्ट में दायर की याचिका
- याचिका दायर कर फांसी पर रोक लागने की मांग
- एक ही अपराध के चार दोषियों में से किसी को फांसी नहीं दी जा सकती
- दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज हो चुकी है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया केस में चारों दोषियों को एक फरवरी फांसी मुकरर की गई है। एक बार फिर इनकी फांसी टल सकती है। गुनहगारों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है। वकील सिंह ने याचिका दायर करते हुए फांसी पर रोक लागने की मांग की है। बता दें इससे पहले निर्भया के मुजरिमों को 22 जनवरी को फांसी होने वाली थी।
याचिका में तर्क दिया गया है कि दिल्ली जेल के नियमों के अनुसार एक ही अपराध के चार दोषियों में से किसी को फांसी नहीं दी जा सकती है। जब तक आखिरी दोषी ने दया याचिका सहित अपने सभी कानूनी विकल्पों को समाप्त नहीं कर लिया हो।
Lawyer AP Singh claimed in the plea that according to the Delhi Prison rules, none of the four convicts in the same crime can be hanged till the last convict has exhausted all his legal options including the mercy petition. #NirbhayaCase https://t.co/rNOwgZmArt
— ANI (@ANI) January 30, 2020
एक फरवरी को फांसी होना मुश्किल
बता दें फांसी की तारीख से एक दिन पहले 12 बजे तक कोई दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजता है, तो जेल प्रशासन को उसे दिल्ली सरकार को भेजना होता है। अगर 12 बजे के बाद याचिका दी जाती है तो उसे भेजा नहीं जाता। दोषियों की फांसी तब रुक सकती है जब कोर्ट से कोई ओर आदेश नहीं आ जाता।
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मुकेश को फांसी होना तय
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दिया है। अब मुकेश को फांसी से बचने का अंतिम कानूनी उपाय समाप्त हो गया है। अदालत ने कहा कि दोषी को कथित व्यवहार और क्रूरता को आधार मानकर दया नहीं दी जा सकती। मुकेश के वकील के तर्क को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने दया याचिका पर जल्दी निर्णय लिया।