एंटीलिया केस में बड़े खुलासे के आसार, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा से NIA ने शुरू की पूछताछ
एंटीलिया केस में बड़े खुलासे के आसार, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा से NIA ने शुरू की पूछताछ
- एंटिलिया केस में बड़े खुलासे की उम्मीद
- एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने पूछताछ शुरू
- शिवसेना कनेक्शन से NIA को मिला बड़ा क्लू
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। मुंबई में कुछ दिन पहले हुए एंटीलिया और मनसुख मर्डर केस में नया मोड़ आया है। बहुत जल्द इस केस में कुछ नए राज खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस मामले में NIA यानि कि नेशनल इंवेस्टिगेशन एजंसी ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को हिरासत में ले लिया है। पूर्व एसीपी शर्मा ने NIA उनके घर में ही पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान ये जानने की कोशिश जारी है कि प्रदीप शर्मा API सचिन वझे और पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे से कितना संपर्क में रहे या नहीं रहे।
NIA के निशाने पर क्यों आए शर्मा?
बताया जा रहा है कि NIA को शक है कि मनसुख मर्डर केस से कुछ दिन पहले प्रदीप शर्मा और सचिन वझे के बीच मीटिंग हुई है। एक सीसीटीवी फुटेज इस शक को और पुख्ता कर रहा है। जिसमें वझे और शिंदे बांद्रा वर्ली सी लिंक के पास कार में बैठे नजर आ रहे हैं। NIA का मानना है कि ये दोनों उस दौरान शर्मा से मिलने ही जा रहे थे। अब NIA शर्मा और वझे की मीटिंग्स के बारे में जानने की कोसिश में है। साथ ही ये जानने की कोशिश भी होगी की क्या दोनों में एंटिलिया और मनसुख को लेकर कोई चर्चा हुई है।
शर्मा और वझे का क्या है कनेक्शन?
अब ये समझ लेना भी जरूरी है कि आखिर शर्मा और वझे में ऐसा क्या कनेक्शन है कि NIA की शक की सुई शर्मा की तरफ घूम गई। आपको बता दें कि शर्मा 90 के दशक में क्राइम ब्रांच का हिस्सा थे। उस वक्त उन पर अंडरवर्ल्ट के सफाए का जिम्मा था। जिसके बाद वो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बने थे। वो बीच में शिवसेना में भी शामिल हुए। शर्मा और वझे के बीच का शिवसेना कनेक्शन ही NIA के शक का आधार बन गया। 2007 में सस्पेंड होने के बाद वझे भी शिवसेना में शामिल हुए। माना जा रहा है कि उन्हें शिवसेना में लाने वाले शर्मा ही थे। विनायक शिंदे से भी शर्मा का खास कनेक्शन माना जा रहा है। छोटा राजन गैंग के लखन भैया के फर्जी एनकाउंटर के आरोप में शर्मा और शिंदे दोनों फंसे थे। विनायक की गिरफ्तारी इसी मामले पर हुई थी। अब ये जानना भी जरूरी है कि जिस वक्त शिंदे पैरोल पर बाहर आया उसी दौरान मनसुख मर्डर केस का होना महज इत्तेफाक है या इसके तार कहीं न कहीं पुराने कनेक्शनों से जुड़े हैं।