समलैंगिक शादी पर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को याद आए हनुमानजी, लड़कों से लड़कों की शादी पर जो कहा क्या वो बनेगा विरोध का कारण?
समलैंगिक विवाह पर बिगड़े बोल समलैंगिक शादी पर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को याद आए हनुमानजी, लड़कों से लड़कों की शादी पर जो कहा क्या वो बनेगा विरोध का कारण?
- हनुमान जी बचाएं
- ऐसे उल्टे जमाने से
डिजिटल डेस्क, भोपाल। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, उनके चर्चा में बने रहने का कारण समलैंगिक विवाह पर दिया उनका ताजा बयान है। उन्होंने कहा है कि आजकल उल्टा जमाना आ गया है। पहले लड़का-लड़की के बीच शादी होती थी लेकिन अब लड़का-लड़का और लड़की-लड़की शादी कर रहे हैं। ऐसा तो विदेशों में होता था अब हमारे देश में भी होने लगा। खासकर बड़े शहरों में इस तरह की शादियां अब आम हो गई हैं। बता दें कि ये बात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जबलपुर के पनागर में चल रही श्रीमदभागवत कथा के दौरान कहीं।
हनुमान जी बचाए, ऐसे उल्टे जमाने से
कथा के दौरान समलैंगिक विवाह पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "भैया ठाकुर जी को पाना है तो किनको मनाना पड़ेगा, ठकुरानी को मनाना होगा। श्री राधा जी को मनाना होगा। किसी ने पूछा महाराज भगवान ने प्रेम तो राधा जी से किया पर विवाह रुकमणी जी से किया, कारण क्या है? कोई कारण हो तो वो भगवान जानें, हमें तो एक ही कारण जान पड़ता है। विवाह दो लोगों में होता है। पर आजकल तो उल्टा जमाना आ गया है। हनुमान जी बचाए, ऐसे उल्टे जमाने से। आजकल तो लड़के ही लड़के से ब्याह कर रहे हैं। बिटिया ही बिटिया से ब्याह कर रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "पहले का जमाना बहुत अच्छा था जब लड़के की शादी लड़की से होती थी। लेकिन आजकल तो कार्ड में पढ़ना पड़ता है कि लड़के की शादी लड़की से हो रही है या लड़के से हो रही है। हद तो ये है कि भारत सरकार ने भी मान्यता दे दी है। जय हनुमान जी, अच्छा युग आ गया है। हम तो एक दिन सोच रहे थे कि बताओ ऐसे युग में हमारा जन्म हुआ जब लड़के की शादी लड़के से हो रही है। बहुत विचित्र स्थिति आ गई। विदेश में तो यह बहुत चलता है लेकिन भारत में ऐसा नहीं चलता।"
अब लड़कों को शादी के लिए लड़की की जरूरत नहीं
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर ने यह भी कहा कि "यह सब शहरों में होने लगा है। बड़े-बड़े शहरों में अब लड़के को विवाह करने के लिए लड़की की आवश्यकता नहीं है। वैसे व्यवस्था ठीक है, हमारे गांव में 2-3 लड़के हैं जिनकी शादी नहीं हुई है। एक दिन हम सोच रहे थे कि इनकी शादी नहीं हो रही। अब नहीं हो रही हो रही तो क्या करें? तो हमने बैठे-बैठे सोचा कि इनकी आपस में ही शादी करा दें। कम से कम मर करके ब्रह्मा जी के पास जाएंगे तो यह तो नहीं कहेंगे कि उनकी शादी नहीं हुई थी।"
कहा जा रहा है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान से एलजीबीटी समुदाय के लोगों में नाराजगी भी हो सकती है और वह इसका विरोध भी कर सकते हैं।