सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में उठाया विकलांग पेंशन का मामला
नई दिल्ली सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में उठाया विकलांग पेंशन का मामला
- विकलांग लोगों को व्यक्तिगत सहायता या सहायक उपकरणों की आवश्यकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में शून्यकाल में विकलांग पेंशन का मामला उठाया है। सांसद मनोझ ने गुरुवार को राज्यसभा में दिए अपने नोटिस में कहा कि विकलांग पेंशन में समानता होनी चाहिए और इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देशभर में मिलने वाली पेंशन को समान बनाया जाना चाहिए। विकलांग लोगों को जीवन यापन की अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ता है। उनके पास उच्च चिकित्सा खर्च हैं और उन्हें व्यक्तिगत सहायता या सहायक उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है, जैसे व्हीलचेयर या श्रवण यंत्र। उन्हें परिवहन या संशोधित आवास पर अधिक खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में विकलांग लोगों को उनके अधिकारों की प्राप्ति के लिए सार्वजनिक धन का पर्याप्त आवंटन महत्वपूर्ण है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना के तहत देशभर के लाभार्थियों को दी जाने वाली मासिक पेंशन महज 300 रुपये है। पंद्रह राज्यों में 1000 और एक राज्य में पेंशन मामूली 100 रुपये।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि हमें विकलांगों के जीवन की अतिरिक्त लागत के प्रति सार्वजनिक निधियों को संवेदनशील बनाना चाहिए और गरीबी चक्र से बचने में उनकी सहायता करनी चाहिए। उन्होंने राशि को बहुत कम बताया और कहा कि लगातार बढ़ती महंगाई में यह बड़ी समस्या है इसलिए इस पेंशन को कम से कम तीन हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पेंशन के दायरे में आने वाले विकलांगों के जीवन से जुड़ी बहुत बड़ी चुनौतियां हैं और इतनी कम राशि में उन चुनौतियों का सामना नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इन पेंशनधारियों को जीवन बीमा कवर के दायरे में भी लाने का आग्रह किया था।
(आईएएनएस)