मॉब लिंचिंग के आरोपियों के साथ किया जाना चाहिए आतंकियों जैसा व्यवहार- अग्निवेश
मॉब लिंचिंग के आरोपियों के साथ किया जाना चाहिए आतंकियों जैसा व्यवहार- अग्निवेश
- पाकुड़ मामले को दाबने की कोशिश की जा रही है: स्वामी अग्निवेश
- स्वामी अग्निवेश ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों के साथ आतंकियों जैसा व्यवहार करने की मांग की है।
- स्वामी अग्निवेश ने सुप्रीम कोर्ट से पाकुड़ मामले पर एसआईटी जांच कराने की मांग की है।
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के रांची में दो सप्ताह पहले युवा मोर्चा और ABVP के कार्यकर्ताओं ने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर हमला किया था। जिसको लेकर अग्निवेश ने सुप्रीम कोर्ट से इस पूरे मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग की है। अग्निवेश ने कहा है कि "मामले में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए मेरे पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था"
It has been 15 days no arrest has been made. There has been no investigation. It indicates that matter is being brushed under the carpet. I"ve no option but to go to Supreme Courtrequest for an SIT: Swami Agnivesh on him being assaulted in Jharkhand"s Pakur last month (03.08) pic.twitter.com/i6jeFyU9Aj
— ANI (@ANI) August 4, 2018
सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे अग्निवेश ने इस पूरे मामले में विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने की मांग की है। अग्निवेश का कहना है कि घटना के 15 दिन बाद तक किसी से कोई पूछताछ नहीं हुई और न ही कोई गिरफ्तारी की गई है। अग्निवेश ने मांग की है कि मॉब लिंचिंग के आरोपियों के साथ‘‘आतंकवादियों’’ की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन पर आतंकवाद निरोधक कानून यूएपीए के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
अग्निवेश को 17 जुलाई को कथित तौर पर उनके "हिंदू विरोधी" रुख के लिए भाजपा युवा मोर्चा और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मारा गया था। वे भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति दामिन दिवस के 195वें वर्षगांठ पर आयोजित पहाड़िया समुदाय की एक सभा को संबोधित करने के बाद "जैसे ही स्थल से बाहर आए, बीजेवाईएम और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले जमकर नारेबाजी की और उसके बाद उन पर भीड़ टूट पड़ी। सभी लोगों ने अग्निवेश पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया था।
हांलाकि स्वामी अग्निवेश ने इस मामले को लेकर शांति से बात करने के लिए कहा था, लेकिन उग्र कार्यकर्ताओं किसी की नहीं सुनी। जब अग्निवेश के समर्थकों ने इसका विरोध किया तो भीड़ ने पहले तो समर्थकों की पिटाई की और बाद में स्वामी अग्निवेश को भी पीट दिया। प्रदर्शनकारी यहीं नहीं रूके, इन्होंने स्वामी अग्निवेश को नीचे गिरा दिया और पगड़ी भी खोल दी। घटना के बाद अग्निवेश ने कहा कि मैंने सोचा था झारखंड एक शांतिपूर्ण राज्य है, लेकिन इस घटना के बाद मेरे विचार बदल गए हैं।
इस मारपीट का वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में भीड़ स्वामी अग्निवेश और उनके समर्थकों के पीटते हुए नजर आ रही थी। वीडियो में उग्र भीड़ को मारपीट के साथ-साथ स्वामी अग्निवेश के कपड़े फाड़ते हुए भी देखा गया। सभा के पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में दिए गए उनके बयानों से हिंदू वादी संगठन नाराज हो गए थे। हिंदू वादी संगठनों का कहना था कि अग्निवेश यहां ईसाई मिशनरीज़ की ओर से आदिवासियों को भड़काने और धर्मांतरण के लिए आए हैं। नाराजगी जाहिर करने के लिए ही ये लोग अग्निवेश को काले झंडे दिखा रहे थे और गो बैक के नारे लगा रहे थे।
इस पूरे मामले पर स्वामी अग्निवेश पहले कह चुके हैं कि जब वे होटल से बाहर निकले तो अचानक भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि CCTV फुटेज और उपलब्ध वीडियो के जरिए दोषियों को पकड़ा जाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए।" स्वामी अग्निवेश ने इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, "मैंने SP और DM को कहा था कि ABVP और BJP युवा मोर्चा विरोध प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इसके बावजूद वहां कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं थी। मैंने ABVP और BJP युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से भी निवेदन किया था कि उन्हें प्रदर्शन करने की कोई जरुरत नहीं है, हम बैठकर बात कर सकते हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई भी बात करने नहीं आया।"
When I left from there, they suddenly attacked hurled abuses at me. I want that they be identified from CCTV footage video available with media action be taken against them: Swami Agnivesh on being thrashed in Jharkhand"s Pakur allegedly by BJP Yuva Morcha workers pic.twitter.com/E4Ev8HSFOL
— ANI (@ANI) July 17, 2018