मैनपुरी में बोली मायावती- पिछड़ों के असली नेता मुलायम, मोदी फर्जी
मैनपुरी में बोली मायावती- पिछड़ों के असली नेता मुलायम, मोदी फर्जी
- 24 साल बाद एक साथ नजर आएंगे मायावती-मुलायम सिंह
- मैनपुरी और आंवला में एक साथ करेंगे जनसभा
- सपा-बसपा गठबंधन के साथ उत्तर प्रदेश में लड़ रही चुनाव
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। गेस्ट हाउस कांड भूलाकर 26 साल बाद मुलायम सिंह यादव और मायावती ने मैनपुरी में एक साथ मंच साझा किया। जनसभा को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा, लंबे समय के बाद हम लोगों के एक साथ मंच साझा करने पर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं आप लोगों के कहने पर आखिरी बार चुनाव लड़ रहा हूं। मैं चाहता हूं कि आप हमें भारी बहुमत हमारी पार्टी को विजयी बनाएं।
मायावती ने गेस्ट हाउस कांड के बाद सपा के साथ चुनाव लड़ने को लेकर कहा, कई बार देश और पार्टी के हित में कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। मायावती ने कहा, आपको असली और नकली की पहचान होना चाहिए। पिछड़े वर्ग के असली नेता मुलायम सिंह यादव ही हैं। वे पीएम मोदी के तरह निकली नहीं है। आपको इस बार मुलायम सिंह यादव को ही विजयी बनाना है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, इस बार चौकीदारी की नई नाटकबाजी नहीं चलेगी। बीजेपी की अब कोई जुमलेबाजी नहीं चलेगी। कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए मायावती ने कहा, कांग्रेस गरीबों का वोट पाने के लिए पूरे देश में घूम रही है, लेकिन आपका वोट सपा-बसपा के पास ही जाना चाहिए। हम गरीबों व बेरोजगारों की हर समस्या का समाधान करेंगे।
Mulayam Singh not a "fake OBC" like PM Modi, says Mayawati
— ANI Digital (@ani_digital) April 19, 2019
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बता दें कि 1995 के गेस्ट हाउस कांड के बाद से सपा और बसपा में जो राजनीतिक दुश्मनी हुई थी, वह उत्तरप्रदेश की तीन लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान ही खत्म हो गई थी। इसके बावजूद इस बात की उम्मीद कम ही थी कि कभी मुलायम और मायावती एक मंच पर नजर आएंगे, लेकिन अब 26 साल बाद ऐसा होने जा रहा है। यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट से मुलायम सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। उनके नामांकन के दौरान भी बीएसपी के नेता मौजूद रहे थे। आज (शुक्रवार) को मैनपुरी में ही होने जा रही इस रैली में मुलायम और मायावती के अलावा सपा के वर्तमान अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष और गठबंधन सहयोगी चौधरी अजित सिंह भी शामिल हो सकते हैं।
SP-BSP-RLD"s joint rally to begin shortly in Mainpuri; BSP Chief Mayawati and Mulayam Singh Yadav to share the stage. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/yLgtaM3ytA
— ANI UP (@ANINewsUP) April 19, 2019
गौरतलब है कि 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाई और 1993 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन को जीत मिली थी और मुलायम सिंह यादव सीएम बने थे। हालांकि, दो ही साल में दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते खराब होने लगे। इसी बीच मुलायम सिंह को भनक लग गई कि मायावती बीजेपी के साथ जा सकती हैं। मायावती लखनऊ स्थित गेस्ट हाउस में विधायकों के साथ बैठक कर रहीं थीं। इतने में एसपी के कार्यकर्ता और विधायक वहां पहुंचे और बीएसपी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने लगे। आरोप है कि मायावती पर भी हमला करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद करके खुद को बचा लिया।