सीबीआई के छापों के बीच मनीष सिसोदिया हुए मीडिया से मुखातिब, दिल्ली की योजनाओं सहित सीबीआई टीम की भी की जमकर तारीफ, फिर जताई गिरफ्तारी की आशंका

शराब घोटाला लाइव अपडेट सीबीआई के छापों के बीच मनीष सिसोदिया हुए मीडिया से मुखातिब, दिल्ली की योजनाओं सहित सीबीआई टीम की भी की जमकर तारीफ, फिर जताई गिरफ्तारी की आशंका

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-20 05:04 GMT
सीबीआई के छापों के बीच मनीष सिसोदिया हुए मीडिया से मुखातिब, दिल्ली की योजनाओं सहित सीबीआई टीम की भी की जमकर तारीफ, फिर जताई गिरफ्तारी की आशंका
हाईलाइट
  • CBI की एफआईआर में 15 नाम है शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर शुक्रवार को सीबीआई ने शराब घोटाले मामले में करीब 14 घंटे छापेमारी की। सुबह से शुरू हुई रेड देर रात तक चली। इस दौरान सीबीआई की टीम ने डिप्टी सीएम के घर से सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए और साथ ही उनका लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त कर लिया है। मनीष सिसोदिया पर एफआईआर दर्ज हो गई है। इस केस में कुल 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें उप मुख्यमंत्री को मुख्य आरोपी के तौर पर पेश किया गया है। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने भी शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

सिसोदिया के आरोप

सीबीआई छापों के बीच मीडिया से मुखातिब हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डालने की तैयारी है। सिसोदिया ने दिल्ली की एक्साइज स्कीम के लिए कहा कि ये स्कीम अच्छी है। साथ ही सीबीई की टीम की भी तारीफ की। सिसोदिया ने कहा कि उनके घर रेड मारने आए सारे अधिकारी अच्छे थे। उन्होंने किसी किस्म की तकलीफ नहीं होने दी।  सिसोदिया ने दिल्ली की शराब नीति की भी तारीफ की।

इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला 

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई (CBI) ने अपनी एफआईआर में मनीष सिसोदिया पर इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 120B, 477A और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया है।

इनमें से दो धराएं (IPC) की धारा 120B और PC एक्ट की धारा 7 PMLA के तहत शेड्यूल्ड ऑफेंस में आती हैं। PMLA का मतलब है - धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PREVENTION OF MONEY-LAUNDERING ACT, 2002)। इन दो धाराओं को देखते हुए इस मामले में ईडी जल्द ही इस केस में कार्रवाई कर सकती है। 

क्या है PMLA

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट 2002 में बना था। इसके बाद यह कानून 2005 में अमल में आया। इसके अंतर्गत धन छिपाने, अधिग्रहण और धन के आपराधिक काम आते है। इस संशोधन की बदौलत ED को विशेषाधिकार मिले। एक्ट की अनुसूची के भाग ए में शामिल प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट ED को राजनीतिक घोटालों पर कार्रवाई का अधिकार देता है।

CBI की एफआईआर में ये नाम है शामिल 

शराब घोटाले में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व आबकारी अफसरों पर भी गाज गिरी है। इसमें कुल 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जांच एजेंसी आगे कुछ और लोगों के नाम भी FIR में जोड़ सकती है।

इन पर हुई है एफआईआर दर्ज -

1- मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम, दिल्ली
2- आर्व गोपी कृष्ण, तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर 
3- आनंद तिवारी, एक्साइज डिप्टी कमिश्नर
4- पंकज भटनागर, असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर
5- विजय नैयर, CEO, एंटरटेनमेंट इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, मुंबई
6- मनोज राय, पूर्व कर्मचारी, पेर्नोड रेकोर्ड
7- अमनदीप ढाल, डायरेक्टर, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, महारानी बाग
8- समीर महेंद्रु, मैनेजिंग डायरेक्टर, इंडोस्प्रिट ग्रुप, जोरबाग
9- अमित अरोड़ा, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, डिफेंस कॉलोनी
10- बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
11- दिनेश अरोड़ा, गुजरावाला टाउन, दिल्ली 
12- महादेव लिकर, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया 
13- सनी मारवाह, महादेव लिकर 
14- अरुण रामचंद्र पिल्लई, बंगलुरु, कर्नाटक
15- अर्जुन पांडेय, गुरुग्राम फेस-3, डीएलएफ

सिसोदिया पर दो बड़े आरोप 

इस पूरे मामले में मनीष सिसोदिया पर दो मुख्य आरोप हैं -

पहला आरोप

जब एक्साइज डिपार्टमेंट ने शराब की दुकान के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल निजी विक्रेता (Private Vendors) को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया गया क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी थी। इससे सरकार को नुकसान हुआ। 

दूसरा आरोप 

उन्होंने कैबिनेट को भरोसे में लिए बिना और उप-राज्यपाल के बिना फाइनल अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए। 
 

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