महाराष्ट्र: शिवसेना बोली- 50-50 फॉर्मूले पर ही होगी बीजेपी से चर्चा, पवार से मिले संजय राउत
महाराष्ट्र: शिवसेना बोली- 50-50 फॉर्मूले पर ही होगी बीजेपी से चर्चा, पवार से मिले संजय राउत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासी खींचतान अब भी जारी है। दोनों ही पार्टियों की तरफ से लगातार जमकर बयानबाजी भी हो रही है। इस बीच शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने आज (बुधवार) कहा कि हम सिर्फ उसी प्रस्ताव (50-50 फार्मूला) पर चर्चा करेंगे, जिस पर हमने विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सहमति दी थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए दोनों पार्टियों के बीच जो समझौता किया गया था, उसके बाद ही हम चुनाव में गठबंधन के लिए आगे बढ़े थे। साथ ही उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों के बीच अब किसी भी प्रकार के प्रस्ताव का आदान-प्रदान नहीं होगा।
Sanjay Raut, Shiv Sena, in Mumbai:We"ll only have discussions on the proposal that we had agreed on before the assembly polls. No new proposals will be exchanged now. BJPShiv Sena had an agreement on post of CM before electionsthen only we moved ahead for alliance for elections pic.twitter.com/KC0aUUclvt
— ANI (@ANI) November 6, 2019
वहीं संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मिलने उनके घर पहुंचे। जहां उन्होंने पवार से प्रदेश में चल रही सियासत के बारे में चर्चा की। पवार से अपनी मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि "शरद पवार प्रदेश और देश के एक वरिष्ठ नेता हैं। वह महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक स्थिति से चिंतित हैं। हमने इस स्थिति पर संक्षिप्त चर्चा की है।"
Shiv Sena leader Sanjay Raut after meeting NCP chief Sharad Pawar, in Mumbai: He is a senior leader of the state the country. He is worried about the political situation in Maharashtra today. We had a brief discussion. pic.twitter.com/PtXzll0rRC
— ANI (@ANI) November 6, 2019
संजय राउत ने रविवार को यह दावा भी किया था कि शिवसेना को 170 से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने बताया था कि विधायकों द्वारा पार्टी को दिया जा रहा समर्थन का यह आंकड़ा 175 तक भी पहुंच सकता है।
शिवसेना बनाएगी सरकार !
बता दें कि शिवसेना के पास 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक दर्जन से भी ज्यादा निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की है। ऐसे में यदि शिवसेना निर्दलीय विधायकों समेत इन सभी पार्टियों का समर्थन प्राप्त करती है तो यह आंकड़ा 175 के आस-पास पहुंच सकता है। जिसके बाद शिवसेना अपनी गठबंधन सरकार बनाने में सफल हो सकती है।
शिवसेना अपनी भूमिका स्पष्ट करे : NCP
NCP ने शिवसेना की तरफ से प्रदेश मुख्यमंत्री बनने की संभावना जताई है। NCP नेता नवाब मलिक ने कहा था कि यदि शिवसेना कहती है कि उनकी पार्टी से ही मुख्यमंत्री बनेगा तो यह बिल्कुल संभव है। नवाब ने शिवसेना को अपनी भूमिका स्पष्ठ करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि यदि शिवसेना अपनी भूमिका साफ करती है तो हम भी अपनी भूमिका स्पष्ट कर देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल महाराष्ट्र की जनता द्वारा NCP को विपक्ष में बैठने के लिए चुना गया है, जिसके लिए हमारी पार्टी पूरी तरह से तैयार है।
सरकार के गठन का आधार आपसी सहमति : शिवसेना
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियों को प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक अपनी सरकार चलानी थी। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि "सरकार का गठन पार्टियों के बीच पहले बनी सहमति के आधार पर होना चाहिए। न कि इस आधार पर कि सबसे बड़ा एकल दल कौनसा है।"
वहीं इससे पहले सीएम फडणवीस ने भी बताया था कि "शिवसेना 5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती है, लेकिन मांगना और प्रैक्टिकल होना दो अलग बातें हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर कभी कोई 50-50 फॉर्मूला तय नहीं हुआ।" बता दें कि प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 नवंबर को पूरा होने जा रहा है।