महाराष्ट्र में शिवसेना ने पलटा पासा, भाजपा नहीं NCP बनेंगी किंगमेकर ?

महाराष्ट्र में शिवसेना ने पलटा पासा, भाजपा नहीं NCP बनेंगी किंगमेकर ?

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-01 03:33 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजें आने के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर तकरार जारी है। शिवसेना जहां 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है। वहीं बीजेपी किसी भी फॉर्मूले को मानने से इनकार कर रही है। जहां दोनों पार्टियों के बीच खींचतान चल रही है। वहीं गुरुवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात से महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गई है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

एकनाथ शिंदे बने विधायक दल के नेता
गुरुवार को शिवसेना दल की बैठक हुई। बैठक में एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक के बाद शिवसेना के नेताओं ने पहले राज्यपाल से मुलाकात की और बाद में संजय एनसीपी प्रमुख से मिलने पहुंच गए। जिसके बाद से सवाल उठने लगे है कि क्या शिवसेना अन्य विकल्प पर विचार कर रही है।

सिर्फ दिवाली मुलाकात
शिवसेना नेता संजय राउत एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके निवास पर जाकर मुलाकात की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मैं दिवाली के मौके पर उन्हें शुभकामना देने आया था। राउत ने पुष्टि की कि हमने महाराष्ट्र की राजनीति पर भी चर्चा की। हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया।

संपर्क में एनसीपी-कांग्रेस 
इसके पहले शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने के लिए भाजपा की तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस भी हमसे संपर्क में है। इसके बाद उद्धव ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित किया। सूत्रों के अनुसार उद्धव ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनाने को लेकर भाजपा की तरफ से मेरे पास अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है। उद्धव ने पार्टी के विधायकों से कहा कि हम सरकार बनाएंगे लेकिन भाजपा के साथ जो तय हुआ था उससे कम कुछ भी मंजूर नहीं है और हमें उससे ज्यादा और कुछ नहीं चाहिए। उद्धव ने मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। इससे सरकार बनाने की चर्चा बेपटरी हो गई। भागीदारी के 50-50 प्रतिशत भाजपा के फार्मूले को फिर दोहराया।

उन्होंने कहा कि हम केवल इतना चाहते हैं कि भाजपा ने जो वादा किया था, उसे निभाए। उद्धव ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किए जाने वाले बयान को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से मुझे कहा गया कि आप सरकार बनाने के लिए बातचीत के लिए आइए। लेकिन मैंने मना कर दिया है। मैंने भाजपा को सुझाव दिया है कि दोनों दलों के दो-दो नेता बातचीत शुरू करें। लेकिन जब फडणवीस ने कह दिया कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के लिए कोई आश्वासन ही नहीं दिया गया तो बातचीत शुरू करने का कोई मतलब नहीं है। यदि फडणवीस को पता नहीं है कि लोकसभा चुनाव से पहले मेरे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच हुई बैठक में क्या तय हुआ था तो उन्हें एक बार फिर से पता लगा लेना चाहिए। 

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