Madhya Pradesh Crisis: 15 महीने बाद प्रदेश में खिलेगा 'कमल'! सत्ता से बाहर हुए 'नाथ'

Madhya Pradesh Crisis: 15 महीने बाद प्रदेश में खिलेगा 'कमल'! सत्ता से बाहर हुए 'नाथ'

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-20 09:27 GMT
Madhya Pradesh Crisis: 15 महीने बाद प्रदेश में खिलेगा 'कमल'! सत्ता से बाहर हुए 'नाथ'
हाईलाइट
  • कमलनाथ के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा में मंथन
  • पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को फिर बनाया जा सकता है मप्र का मुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, भोपाल। 2019 में करीब 15 साल बाद बहुमत के साथ मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस की सरकार महज 15 महीने तक ही चल सकी। 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत का सामना कर रही कमलनाथ सरकार शुक्रवार (20 मार्च) को गिर गई। मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कमलनाथ के इस्तीफे के बाद भाजपा में नई सरकार बनाने की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है और राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर पार्टी हाईकमान मंथन कर रहा है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर राज्य की कमान मिल सकती है। 

शिवराज सिंह होंगे विधायक दल के नेता 
दरअसल कमलनाथ के इस्तीफे के बाद अब सवाल ये उठ रहा है कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा की ओर से अगला चेहरा शिवराज ही होंगे या फिर कोई और? इसी बीच ये भी खबर है कि शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों को खाने पर बुलाया है। डिनर के दौरान आगे की रणनीति पर विचार हो सकता है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि, शिवराज सिंह ही विधायक दल के नेता होंगे और मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे।

भाजपा के पास 106 विधायकों का समर्थन
कमलनाथ सरकार के इस्तीफा देने के बाद पूरी तरह गेंद भाजपा के पाले में है, क्योंकि उसके पास 106 विधायकों का समर्थन हासिल है और यह समर्थन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है। राज्य विधानसभा में 25 स्थान रिक्त हैं और इन स्थितियों में बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत है। बहुमत के आंकड़े से ज्यादा भाजपा के पास विधायक हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधायक दल का नेता कौन होगा, इसे पार्टी हाईकमान तय करेगी और यही कारण है कि दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठकें शुरू हो गई हैं। पार्टी में सबसे ज्यादा संभावना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिर नेता बनाए जाने की है, फिर भी पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो चौहान के स्थान पर नए चेहरे पर दांव लगाने की बात कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण आगामी समय में होने वाले 25 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव हैं।

भाजपा की ओर नया चेहरा भी आ सकता है सामने
सूत्रों का कहना है कि पार्टी शिवराज सिंह चौहान पर सिर्फ इसलिए बचने की कोशिश करेगी, क्योंकि कमलनाथ सरकार ने सबसे ज्यादा आरोप चौहान पर ही लगाए थे। पार्टी सूत्रों का मानना है कि भाजपा नए चेहरे के तौर पर पिछड़े वर्ग के विधायक का पता लगाएगी। नया चेहरा भाजपा की ओर से कौन होगा, यही बड़ा सवाल बना हुआ है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इस सरकार के पास बहुमत नहीं था और उसे जाना ही था, वहीं भाजपा का नेता कौन होगा इसे पार्टी तय करेगी।

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