MP Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से पूछा- विधायकों के इस्तीफे पर अब तक क्यों नहीं लिया फैसला
MP Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से पूछा- विधायकों के इस्तीफे पर अब तक क्यों नहीं लिया फैसला
- फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे दिग्विजय सिंह
- धरने के बाद हिरासत में
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश का सियासी बवाल लगातार तेज होता जा रहा है। यह मामला भोपाल से लेकर बेंगलुरू और सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरू पहुंचे पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बुधवार को धरने पर बैठ गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। भूख हड़ताल का ऐलान कर दिग्विजय सिंह हिरासत में अनशन पर बैठ गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा में जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को लेकर बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की। एमपी कांग्रेस की तरफ से दुष्यंत दवे ने पक्ष रखा। कांग्रेस के वकील की ओर से दलील दी गई कि, पूरी दुनिया कोरोनावायरस के संटक से जूझ रही है, ऐसे में क्या इस वक्त बहुमत परीक्षण कराना जरूरी है।
#WATCH Karnataka: Congress leader Digvijaya Singh has now been placed under preventive arrest. He was sitting on dharna near Ramada hotel in Bengaluru, allegedly after he was not allowed by Police to visit it. 21 #MadhyaPradesh Congress MLAs are lodged at the hotel. pic.twitter.com/dP3me4qjw0
— ANI (@ANI) March 18, 2020
LIVE Update:
SC ने स्पीकर से किए सवाल
मध्य प्रदेश के सिसायी संकट पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर से सवाल किया। कोर्ट ने पूछा, आखिर आपने विधायकों के इस्तीफे पर अभी तक फैसला क्यों नहीं लिया? क्या ये विधायक अपने आप अयोग्य नहीं हो जाएंगे? अगर संतुष्ट नहीं हैं, तो विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार कर सकते हैं। आपने 16 मार्च को बजट सत्र को टाल दिया। अगर बजट पास नहीं करेंगे, तो राज्य सरकार का कामकाज कैसे चलेगा?
बीजेपी की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा, अगर अदालत कहे तो वह 16 बागी विधायकों को जज के सामने पेश कर सकते हैं। हालांकि जज ने इसके लिए मना करते हुए कहा कि वो ऐसा आदेश जारी नहीं कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायकों के वकील दुष्यंत दवे-"आसमान नहीं गिर रहा है कि कांग्रेस सरकार को तुरंत चले जाना चाहिए और शिवराज सिंह चौहान की सरकार को लोगों पर धावा बोल देना चाहिए।" https://t.co/ZrNyE1RD07
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2020
कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे ने कहा,आसमान नहीं गिर रहा है कि कांग्रेस सरकार को तुरंत चले जाना चाहिए और शिवराज सिंह चौहान की सरकार को लोगों पर धावा बोल देना चाहिए।
न्यायाधीश डॉ.डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा कि एक बहुत ही स्थिर सरकार 18 महीनों से काम कर रही थी। उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि भाजपा ने बल का इस्तेमाल किया है और वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों को नष्ट कर सकती है। https://t.co/OwAg1zVsFJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2020
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा, बीजेपी चुनी हुई सरकारों को गिराने में व्यस्त है। हमने मध्य प्रदेश में सरकार गिराने के प्लान को असफल कर दिया है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हमें शर्मिंदा किया, कांग्रेस में उनका शानदार करियर था। हमें कभी नहीं लगा था कि वह धोखा देकर बीजेपी जॉइन करेंगे।
Digvijaya Singh, Congress: BJP is busy in toppling duly-elected govts. We had successfully thwarted plans to destabilize MP govt but we were let down by Jyotiraditya Scindia who had a very successful career in Congress. We never expected that he would ditch usjoin hands with BJP pic.twitter.com/X97Nte4Aju
— ANI (@ANI) March 18, 2020
बेंगलुरू में हुई दिग्विजय सिंह की गिरफ्तारी को लेकर मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता भोपाल के मिंटो हॉल में गांधी मूर्ति के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मध्य प्रदेश के राज्यपाल से मांग है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप कर उनके मंत्री और 16 विधायकों को वहां से छुड़वाएं।
मिंटो हॉल, भोपाल: आज बेंगलुरू में हुई दिग्विजय सिंह की गिरफ्तारी को लेकर मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता गांधी मूर्ति के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मध्य प्रदेश के राज्यपाल से मांग है कि वो इस मामले में हस्तक्षेप कर उनके मंत्री और 16 विधायकों को वहां से छुड़वाएं। pic.twitter.com/2umLyMFVZj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2020
बागी विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। इस पर सीएम कमलनाथ ने कहा, दिग्विजय सिंह हमारे राज्यसभा के उम्मीदवार हैं। वह विधायकों से मिलना चाहते हैं लेकिन उनको कहा गया है वह सुरक्षा के लिए खतरा हैं। क्या वह 500 कर्नाटक पुलिस की मौजूदगी में सुरक्षा के लिए खतरा हैं? इससे पता चलता है विधायकों को बंधक बनाया गया है। बीजेपी सरकार को हाईजैक करना चाहती है।
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: Digvijaya ji is our Rajya Sabha candidate, he went to meet MLAs but he was told that he is security risk. He became a security risk amid 500 Karnataka police personnel?This shows MLAs have been held hostageBJP is attempting to hijack the government. pic.twitter.com/lt46LwEM42
— ANI (@ANI) March 18, 2020
बेंगलुरु में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने कर्नाटक डीजीपी को पत्र लिखकर कहा है कि, किसी कांग्रेस नेता को उनसे मिलने की इजाजत न दी जाए। बागी विधायकों ने बेंगलुरु से वीडियो संदेश जारी कर दिग्विजय सिंह और अन्य कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करने से इनकार कर दिया है। साथ ही कहा कि, वे अपनी मर्जी से बेंगलुरु में हैं। सूत्रों का कहना है, बागी विधायकों ने यह वीडियो संदेश दिग्विजय सिंह और अन्य नेताओं को बेंगलुरु पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद जारी किया है। विधायकों ने वीडियो संदेश में कहा है, वे अपनी मर्जी से बेंगलुरु आए हैं। बीते एक साल से हमारा कोई काम नहीं हुआ है, यहां हम लोग अपनी इच्छा से आए हैं। मेरा दिग्विजय सिंह व अन्य नेताओं से अनुरोध है कि, वे वापस लौट जाएं क्योंकि हम उनसे मुलाकात नहीं करना चाहते।
22 rebel #MadhyaPradesh Congress MLAs, who are currently lodged in Bengaluru, have written to Karnataka"s Director General of Police, requesting that "no Congress leader/member be allowed to meet them to ensure that there is no threat to their life and security." (file pic) pic.twitter.com/TN164WNW3v
— ANI (@ANI) March 18, 2020
भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं द्वारा फ्लोर टेस्ट कराने की याचिका पर वकील दुष्यंत दवे ने कहा, विधायकों को एक बार फिर मतदाताओं के पास जाना चाहिए और चुनाव जीतना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा, यही तो वे लोग कर रहे हैं। वे अपनी सदस्यता छोड़ रहे हैं और फिर से मतदाताओं के पास जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने यह सुनने के बाद कहा, "यही तो वे लोग कर रहे हैं। वे अपनी सदस्यता छोड़ रहे हैं और फिर से मतदाताओं के पास जा सकते हैं।" 1/2 https://t.co/1leZxZukhF
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कांग्रेस विधायकों का एक प्रतिनिधमंडल दोपहर आज राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करेगा।
Bhopal: A Congress delegation to meet #MadhyaPradesh Governor Lalji Tandon (in file pic) today at 1.45 PM. pic.twitter.com/oZ3tdpIwzX
— ANI (@ANI) March 18, 2020
दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, जब तक कांग्रेस के बागी विधायक वापस भोपाल नहीं आ जाते तब तक फ्लोर टेस्ट कैसे होगा। कांग्रेस के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाना चाहिए, क्योंकि मध्य प्रदेश जैसी स्थिति इससे पहले कर्नाटक और गुजरात में भी आ चुकी है। वकील दुष्यंत दवे ने गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव का हवाला दिया।
Advocate Dushyant Dave further submitted to Supreme Court bench, headed by Justice Dr DY Chandrachud that a very stable govt was functioning for 18 months. He also told the Court that the BJP has used force and might invariably destroy democratic principles. https://t.co/zP35CAMM2k
— ANI (@ANI) March 18, 2020
कांग्रेस विधायकों से मिलने बेंगलुरु जाने के सवाल पर सीएम कमलनाथ ने कहा- अगर जरूरत पड़ी तो जरूर जाऊंगा।
#MadhyaPradesh Chief Minister Kamal Nath on being asked if he will go to meet the Congress MLAs who are lodged in Ramada hotel in Bengaluru: If the need arises I"ll go there. pic.twitter.com/8y7BrmWcY1
— ANI (@ANI) March 18, 2020
डीके शिवकुमार ने कहा, भाजपा कार्यकर्ता होते कौन हैं उन्हें सुरक्षा देने वाले। हमने डीजी को कहा है भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को वहां से हटाया जाए। अगर उन्हें वहां से नहीं हटाया तो हम खुद जाकर हटाएंगे। पहले हम उन्हें पत्र लिखेंगे उसके बाद कोई कदम उठाएंगे।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार: भाजपा कार्यकर्ता होते कौन हैं उन्हें सुरक्षा देने वाले। हमने डीजी को कहा है कि भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को वहां से हटाया जाए। अगर उन्हें वहां से नहीं हटाया तो हम खुद जाकर हटाएंगे। पहले हम उन्हें पत्र लिखेंगे उसके बाद कोई कदम उठाएंगे। pic.twitter.com/thplz3VbPd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2020
दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु के अमृताहल्ली पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया है। उनके साथ डीके शिवकुमार, मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया भी हैं।
Congress leader Digvijaya Singh, Karnataka Congress president DK Shivakumar and #MadhyaPradesh Congress leaders Sajjan Singh Verma Kantilal Bhuria at Amruthahalli Police Station in Bengaluru where Digvijaya Singh has been taken after being placed under preventive arrest. https://t.co/lEOSYbM6cO pic.twitter.com/ZYxJ5wULTd
— ANI (@ANI) March 18, 2020
दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु के अमृताहल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया। सिंह का कहना है कि वह अब भूख हड़ताल पर हैं।
Congress leader Digvijaya Singh has been taken to Amruthahalli Police Station in Bengaluru. He says that he is on a hunger strike now. He has been placed under preventive arrest. He was sitting on a dharna near Ramada hotel, allegedly after he wasn"t allowed by Police to visit it https://t.co/G0QknzQ3Dp pic.twitter.com/DRhtXEQuwb
— ANI (@ANI) March 18, 2020
बेंगलुरू में होटल के बाहर दिग्विजय सिंह का धरना
सियासी उठापटक के बीच दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों को मनाने बेंगलुरु के रामदा होटल पहुंचे थे, लेकिन विधायकों से मिलने की अनुमति न मिलने से नाराज दिग्विजय सिंह होटल के बाहर धरने पर बैठ गए।हालांकि बाद में दिग्विजय सिंह को ऐहतियातन हिरासत में ले लिया गया। सिंह के साथ डीके शिवकुमार, सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया को भी हिरासत में लिया गया है।
#WATCH Karnataka: Congress leader Digvijaya Singh continues to sit on dharna near Ramada hotel in Bengaluru, allegedly after he was not allowed by Police to visit it, as Police tries to remove him from the spot. 21 #MadhyaPradesh Congress MLAs are lodged at the hotel. pic.twitter.com/CtWuP1rvKH
— ANI (@ANI) March 18, 2020
हिरासत में लिए जाने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, हम उनके वापस आने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन जब हमने देखा कि उन्हें वापस ले जा रहे हैं तो उनके परिवारों से संदेश आए। मैंने व्यक्तिगत रूप से पांच विधायकों से बात की, उन्होंने कहा वे बंदी हैं, फोन छीन लिए गए हैं, हर कमरे के सामने पुलिस है।
Digvijaya Singh: We were expecting them to come back, but when we saw they"re being held back, messages came from their families...I personally spoke to 5 MLAs, they said they"re captive, phones snatched away, there is Police in front of every room. They"re being followed 24/7. https://t.co/G0QknzQ3Dp pic.twitter.com/enwv1qv6dK
— ANI (@ANI) March 18, 2020
बागियों के होटल के बाहर धरने के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं, 26 मार्च को मतदान होना है। मेरे विधायकों को यहां रखा गया है, वे मुझसे बात करना चाहते हैं लेकिन उनके फोन छीन लिए गए हैं, विधायकों की सुरक्षा को खतरा का हवाला देते हुए पुलिस मुझे उनसे बात भी नहीं करने दे रही है। दिग्विजय सिंह के साथ कांतिलाल भूरिया और तरुण भनोत सहित कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी हैं।
Digvijaya Singh, Congress: I"m a Rajya Sabha candidate from Madhya Pradesh, voting is scheduled for 26 March. My MLAs have been kept here, they want to speak to me, their phones have been snatched, police is not letting me speak to them saying there is a security threat to MLAs. https://t.co/WBWdVXefzC pic.twitter.com/mSaTGiDdd9
— ANI (@ANI) March 18, 2020
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, राज्य की बीजेपी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। हमारी अपनी राजनीतिक रणनीति है, हम जानते हैं स्थिति को कैसे संभालना है। वह यहां अकेले नहीं हैं, मैं यहां हूं। मुझे पता है उनको कैसे सपोर्ट करना है, लेकिन मैं कर्नाटक में कानून-व्यवस्था खराब नहीं करना चाहता।
DK Shivakumar, Karnataka Congress president: BJP govt in state is misusing the power. We have our own political strategy, we know how to handle the situation. He"s not alone here. I"m here. I know how to support him. But I don"t want to create a law order situation in Karnataka https://t.co/G0QknzQ3Dp pic.twitter.com/v7LSSGd97Q
— ANI (@ANI) March 18, 2020
Police have detained me, @digvijaya_28 other INC leaders are not allowing us to meet @INCMP MLAs who are being held forcefully at a resort by BJP.
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) March 18, 2020
BJP is hell bent on destabilizing democratically elected govts. It has strengthened our resolve to fight to save democracy. pic.twitter.com/Bbiy0ZvGkV
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, विधायक निजी नागरिक नहीं हैं। वो लाखों जनता के प्रतिनिधि हैं। विधायक को अगर कोई संकट है तो संवैधानिक व्यवस्था है कि वे स्पीकर को मिलें या सदन पटल पर बोलें। अन्य कोई भी तरीका लोकतंत्र का अपहरण है।
विधायक निजी नागरिक नहीं हैं। वो लाखों जनता/ वोटरों के प्रतिनिधि हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2020
विधायक को अगर कोई संकट है तो संवैधानिक व्यवस्था है कि वे स्पीकर को मिलें, या सदन पटल पर बोलें या पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधियों से कहें।
अन्य कोई भी तरीक़ा लोकतंत्र का अपहरण है।
वहीं मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई। दरअसल, 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट टलने से नाराज बीजेपी ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और याचिका दायर कर जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी की याचिका पर मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर को नोटिस जारी कर आज जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस मामले में कमलनाथ सरकार, विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को नोटिस देकर जवाब मांगा है। सभी की निगाहें इसी तरफ है कि आज मध्य प्रदेश सरकार द्वारा क्या पक्ष रखा जाता है। इसके बाद फ्लोर टेस्ट को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है।
Supreme Court to hear today the petition filed by former Madhya Pradesh CM BJP leader, Shivraj Singh Chouhan, and others to hold floor test in the State Assembly. pic.twitter.com/TFZD8IY7Wp
— ANI (@ANI) March 18, 2020
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। कांग्रेस ने याचिका में कहा है कि उन्हें बेंगलुरु में बीजेपी सरकार की ओर से बंदी बनाकर रखे गए विधायकों से संपर्क करने दिया जाए। इस याचिका पर भी आज सुनवाई होनी है। विधानसभा स्पीकर ने बेंगलुरु में मौजूद बागी विधायकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए स्पीकर ने कहा, लापता विधायकों को लेकर चिंतित हूं, सारे घटनाक्रम को देखकर लगता है कि उनके इस्तीफे दबाव में लिखवाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ विधायकों के परिजनों ने उनकी सुरक्षा के संबंध में चिंता भी जताई है। राज्यपाल ने भी स्पीकर को जवाबी चिट्ठी लिखी। उन्होंने विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आग्रह पर कहा, यह जिम्मेदारी कार्यपालिका की है। राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार द्वारा किए जा रहे नियुक्तिों और तबादलों की फाइल भी रोक दी है। भाजपा द्वारा इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कहा गया था कि सरकार अल्पमत में हैं, ऐसे में यह नियुक्तियां अवैध हैं।
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मंगलवार को कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखा था खत
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को दूसरी बार राज्यपाल लालजी टंडन को खत लिखकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने 16 कांग्रेसी विधायकों को रिहा कराने की मांग करते हुए कहा था कि, पहले बेंगलुरू में कैद किए गए हमारे 16 विधायकों को आजाद होने दें और कुछ दिन बिना दबाव के घर में रहने दें ताकि वे स्वतंत्र मन से फैसला ले सकें।