लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला की विशेष सीबीआई कोर्ट में दोषी करार दिया, 18 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
चारा घोटाला डोरंडा मामला लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला की विशेष सीबीआई कोर्ट में दोषी करार दिया, 18 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
- रांची में लालू
- चारा घोटाला मामले में फैसला आज
डिजिटल डेस्क, रांची। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 170 आरोपी की चारा घोटाला में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रूपए की अवैध निकासी मामले में आज सीबीआई की रांची विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। 55 आरोपियों की जांच के दौरान मौत हो चुकी है। इस पूरे मामले में 575 लोगों की गवाही हुई।
अभी तक लालू को चारा घोटाला के अन्य मामलों में तीन साल तक की सजा हुई है। यदि इस फैसले में तीन साल से कम की सजा हुई तो निचली कोर्ट से बेल मिल जाएगी। यदि उन्हें तीन साल से अधिक की सजा हुई तो उन्हें लंबी प्रक्रिया के लिए हाई कोर्ट रूख करना पड़ा। सभी आरोपियों को बड़ी कस्टडी में अदालत में पेश किया गया है। उनके साथ उनकी बड़ी बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती मौजूद है। 1995 -96 में ट्रेजरी से रूपए निकाले। 2005 में सीबीआई ने चार्ज शीट दाखिल की।
आपको बता दें चारा घोटाले के कई अलग अलग मामलों में पूर्व में लालू प्रसाद यादव को उच्च न्यायालय से राहत मिल चुकी है। अभी हाल ही में लालू जमानत पर है। लालू के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि यह चारा घोटाला से जुड़ा आरसी 47 ए/96 मामला है। जो 1990 से 1995 के बीच का है। हालांकि अस्वस्थ लालू अभी किड़नी की समस्या से जूझ रहे है।आपको बता दें इससे पहले नीचली कोर्ट से लालू को कभी राहत नहीं और उनके हाथ में हमेशा निराशा ही लगी है। लेकिन अब देखना है कि इस मामले में क्या होता है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बीते 24 घंटे से रांची के स्टेट गेस्ट हाउस के मेहमान बने हुए हैं। उनके इर्द-गिर्द समर्थकों और चाहने वालों का मेला लगा है। आने वाले 24 घंटे के भीतर यह तय हो जायेगा कि लालू प्रसाद इसी तरह की महफिल के मुख्य अतिथि बने रहेंगे या एक बार फिर उन्हें यह सब कुछ छोड़कर जेल का गेस्ट बनना पड़ेगा। बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े मुकदमे आरसी-47 ए/96 में 15 फरवरी को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनायेगी। अदालत ने लालू प्रसाद यादव सहित सभी 99 आरोपियों को निजी तौर पर कोर्ट में हाजिर रहने को कहा है।
झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये थे। चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। जिस पांचवें मुकदमे में मंगलवार को फैसला आना है, वह रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है। वर्ष 1996 में दर्ज हुए इस मामले में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया। दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। छह आरोपी आज तक फरार हैं। बाकी 99 आरोपियों पर फैसला आना है। इस मामले के अन्य प्रमुख अभियुक्तों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आर.के. राणा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के.एम. प्रसाद शामिल हैं। इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अभियोजन की ओर से कुल 575 लोगों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 25 गवाह पेश किये गये।
इसके पहले चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई, जबकि एक करोड़ रुपए का जुमार्ना भी उन्हें भरना पड़ा। इन मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा। इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है। चारा घोटाले का सबसे पहला मुकदमा चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के आदेश पर दर्ज हुआ था। चाईबासा में कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये की निकासी के इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे। इसमें लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा हुई और इसके साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। दूसरा मामला देवघर स्थित ट्रेजरी से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का था। इसमें लालू प्रसाद यादव समेत 38 पर केस चला और आखिरकार अदालत ने उन्हें साढ़े तीन साल की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना लगाया। तीसरे मामले में चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा दी और 10 लाख का जुर्माना लगाया। दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के चौथे मामले में लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई और 60 लाख जुमार्ना भी लगाया गया।