जाने कौन है रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा जिनकी अगुवाई में होगी PM की सुरक्षा चूक मामले की जांच
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला जाने कौन है रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा जिनकी अगुवाई में होगी PM की सुरक्षा चूक मामले की जांच
- वह एकमात्र ऐसी महिला अधिवक्ता है जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं।
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, राजा वर्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के गठित कर दी है। । कोर्ट ने कहा है कि इसकी जांच पांच सदस्यों की कमेटी करेगी। जिसकी अगुवाई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी।
इंदु मल्होत्रा 27 अप्रैल, 2018 को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनी थीं। वह पहली ऐसी महिला अधिवक्ता है जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं। वह 21 मार्च 2021 को रिटायर हुई थी। करीब तीन साल में न्यायाधीश के रुप में उन्होनें कई ऐसे निर्णय लिए जो चर्चा में बने रहे।
समलैंगिक यौन संबंध पर फैसला
इंदु मल्होत्रा समलैंगिक यौन संबंध के मामले में फैसला देने वाली पीठ का हिस्सा थीं। आपसी सहमति से सुप्रीम कोर्ट ने दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाने का निर्णय दिया था।
सबरीमाला केस
जस्टिस इंदु मल्होत्रा कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला दे चुकी हैं। लेकिन केरल के सबरीमाला का केस सबसे चर्चित रहा। इस केस में इंदु मल्होत्रा ने चार पुरुष न्यायाधीशों से अलग राय जाहिर की थी। आपको बता दे इस मामले में चारों पुरुष न्यायाधीशों ने सबरीमाला में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने की बात कही थी, लेकिन इंदु मल्होत्रा ने इसके खिलाफ अपनी राय दी थी।
विदाई समारोह पर उनके लिए कही गई थी बड़ी बातें
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट से विदाई के दौरान जस्टिस इंदु मल्होत्रा भावुक हो गई थी वह अपना भाषण भी पूरा नहीं कर पाई थी । उनकी विदाई के दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा था कि उन्होंने जस्टिस इंदु मल्होत्रा से बेहतर जज नहीं देखा। उनके फैसले ज्ञान व विवेक से परिपूर्ण हैं। वह नौजवान वकीलों के लिए रोल मॉडल हैं।
विदाई के मौके पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, यह एक विडंबना है कि अच्छे जज बहुत जल्दी रिटायर हो जाते हैं। जस्टिस इंदु मल्होत्रा को यहां कम से कम 10 साल और काम करना चाहिए था।