प्लास्टिक का सामान, ज्वैलरी समेत बजट के बाद महंगी हो सकती हैं ये चीजें, इन चीजों पर घट सकता है टैक्स, जानिए कल आने बजट से आम जनता और कारोबारियों को क्या मिल सकता है?

बजट-2023 प्लास्टिक का सामान, ज्वैलरी समेत बजट के बाद महंगी हो सकती हैं ये चीजें, इन चीजों पर घट सकता है टैक्स, जानिए कल आने बजट से आम जनता और कारोबारियों को क्या मिल सकता है?

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-31 08:08 GMT
प्लास्टिक का सामान, ज्वैलरी समेत बजट के बाद महंगी हो सकती हैं ये चीजें, इन चीजों पर घट सकता है टैक्स, जानिए कल आने बजट से आम जनता और कारोबारियों को क्या मिल सकता है?
हाईलाइट
  • 35 सामानों की कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में चौथा पूर्णकालिक बजट बुधवार को संसद में पेश करने जा रही है। 'आत्मनिर्भर' को बढ़वा देने के लिए विदेशों से आयात किए जाने वाले कुछ चीजों पर सरकार कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का एलान कर सकती है। इस कदम से मेक इन इंडिया मुहिम को मदद मिलने की उम्मीद है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है। वहीं आयात को कम करते हुए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार करीब 35 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इनमें प्राइवेट जेट, हेलिकॉप्टर, हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्लास्टिक के सामान, ज्वैलरी, हाई-ग्लॉस पेपर और विटामिन जैसे आइटम शामिल हैं।

35 सामानों की कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है सरकार

सरकार ने जिन आयात के सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की योजना बनाई है। उन सब की लिस्ट सरकार ने अलग-अलग मंत्रालयों से मगंवाई है। जिसकी समीक्षा करने के बाद सरकार ने 35 सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का मन बनाया है। इन आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का उद्देश्य देश की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। ताकि इन वस्तुओं की स्वदेश में ही निर्माण किया जा सके। बीते साल दिसंबर के महीने में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कई अन्य मंत्रालयों से आयात होने वाले गैर जरूरी सामानों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा था। जिनपर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सके।

सरकार उन सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के लिए तैयार है जो अनिवार्य रूप से जरूरत के सामानों की श्रेणी में नहीं आते हैं। साथ ही इस बजट में सरकार लो क्वालिटी सामानों के इम्पोर्ट को घटाने के लिए कई सेक्टर्स में मानक तय किए हैं। इनमें स्पोर्ट गुड्स से लेकर, वुडन फर्नीचर और पोर्टेबल पानी की बोतलें जैसे आइटम्स शामिल हैं। ये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के मैन्यूफैक्चर्स के लिए सामान हैं।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सुझाव

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने रत्न और आभूषण सेक्टर के लिए गोल्ड और कुछ दूसरे आइटम्स पर आयात शुल्क घटाने के सुझाव दिए हैं। जिसकी वजह से देश की ज्वैलरी और फिनिश प्रोडक्ट का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। पिछले बजट में मोदी सरकार ने सोने पर आयात शुल्क को 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था। सरकार ने एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सेक्टर में कस्टम ड्यूटी को खत्म कर दिया था।  

ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के बजट में मोदी सरकार देश की घरेलू ज्वैलरी उद्योग को राहत दे सकती है। इसमें कच्चे माल के आयात से लेकर तैयार माल के एक्सपोर्ट तक में ज्वैलरी इंडस्ट्री को फायदा पहुंचाया जा सकता है। दरअसल, ज्वैलरी इंडस्ट्री जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्टस की डिमांड है कि बजट में लैब डायमंड्स के कच्चे माल पर आयात शुल्क को खत्म किया जाए। इसके अलावा सरकार ज्वैलरी पॉलिसी का भी एलान करे। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स ने सरकार को स्पेशल नोटिफाइड जोन में हीरों की ब्रिकी पर अनुमानित टैक्स लगाने के सुझाव भी दिए हैं।


  


 

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