विरोध: केरल ने CAA खिलाफ SC का दरवाजा खटखटाया, केंद्र को चुनौती देने वाला पहला राज्य

विरोध: केरल ने CAA खिलाफ SC का दरवाजा खटखटाया, केंद्र को चुनौती देने वाला पहला राज्य

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-14 06:34 GMT
हाईलाइट
  • इससे पहले केरल विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव हुआ था पास
  • सीएए अनुच्छेद 14
  • 21 और 25 का उल्लंघन- केरल सरकार

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसके साथ ही केरल पहला राज्य बन गया है। जिसनें इस कानून को चुनौती दी है। केरल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत एक मूल मुकदमे के रूप में दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि सीएए भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। साथ ही ये धारा 21 और 25 भी उल्लंघन करता है।  

सरकार ने तर्क दिया है कि सीएए भेदभावपूर्ण है क्योंकि यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कुछ धार्मिक अल्पसंख्यकों को ही कवर करता है। जबकि अन्य कथित रूप से प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों और संप्रदायों जैसे कि अहमदिया, शिया और हजारों की अनदेखी करता है। याचिका में कहा है, अगर सीएए का उद्देश्य अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों की रक्षा करना है। तो इन देशों के अहमदिया और शिया भी उतने ही हकदार हैं, जितने हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पाससी और ईसाई समुदाय के लोग हैं। 

इससे पहले केरल विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें कहा गया था कि सीएए भारत के संविधान द्वारा परिकल्पित धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से केंद्र सरकार से कानून को निरस्त करने का आग्रह भी किया है। बता दें सीएए को चुनौती देने 60 से ज्यादा याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है। इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होने की संभावना है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल में पिछले महीने काफी विरोध-प्रदर्शन हुए। जिसमें कोच्चि और कोझीकोड में कई लोग गिरफ्तार हुए थे। 

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